इन शक्तिपीठों में उमड़ रहा पर्यटकों का जनसैलाब

Wednesday, Jun 05, 2019 - 11:49 AM (IST)

गोहर (ख्याली राम): सराज घाटी के प्रमुख शक्तिपीठ शिकारी देवी व धार्मिक स्थल बूढ़ाकेदार समेत आराध्य देव कमरूनाग के दरबार में पर्यटकों का जनसैलाब उमड़ रहा है। जानकारी के अनुसार पीठ शिकारी देवी में बर्फबारी के बाद माता के कपाट खुलने के उपरांत अब 2 लाख से अधिक लोग वैली का दीदार कर चुके हैं। मैदानी इलाकों में लगातार बढ़ती गर्मी के कारण श्रद्धालु व पर्यटकों ने सराज की विभिन्न हसीन वादियों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा इस धार्मिक महाकुंभ के साथ लगते धार्मिक पर्यटक स्थल बूढ़ाकेदार, शैटाधार में आराध्य देव शैटीनाग, सरोआ में जालपा देवी, मंडी जनपद के आराध्य देव कमरुनाग व देबीदहड़ सहित क्षेत्र के प्राकृतिक भौगोलिक रमणीक स्थल भी पैदल चलकर पर्यटकों को खूब भा रहे हैं। 

रोप-वे बदल देगा वैली की तकदीर

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शिकारी देवी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए जंजहैली और देवीदहड़ से रोप-वे स्थापित किए जाने चाहिए, जिससे सराज और नाचन पर्यटन नगरी के रूप में उभरेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रोप-वे योजना का बजट में प्रावधान कर नई मंजिल नई राहें के तहत घोषणा की है। रोप-वे की सौगात मिल जाए तो पर्यटक मनाली और श्रीनगर को भूल जाएंगे। जंजैहली के बलदेव कौंडल का कहना है कि रोप-वे बनने से कई युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, वहीं गैस्ट हाऊस कारोबारी सुरेश कुमार का कहना है कि शक्तिपीठ के लिए रोप-वे की सुविधा प्रदान करने से पर्यटकों को दरबार में दर्शन के बाद वादियों में घूमने-फिरने का समय मिल जाएगा, जिससे कारोबारियों के काम में भी बढ़ौतरी होगी।

मंडी से 100 किलोमीटर दूर है शिकारी माता मंदिर

शिकारी माता मंदिर समुद्र तल से करीब 12,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और मंडी से यह मंदिर लगभग 100 किलोमीटर दूर है। मौजूदा समय में जंजैहली से भुलाह होते हुए माता शिकारी के मंदिर पहुंचा जाता है। भुलाह से माता शिकारी तक सड़क सुविधा है लेकिन सड़क तंग व कच्ची होने के कारण पर्यटक यहां सफर करने से गुरेज करते हैं परंतु अब जंजैहली से शिकारी माता मंदिर तक रोप-वे बनने से यहां पहुंचना सुगम हो जाएगा। मंदिर परिसर में कारोबार कर रहे सेस राम का कहना है कि शिकारी माता के दरबार तक पहुंचने के लिए सड़क की हालत खस्ता है, जिस वजह से यहां 4-4 किलोमीटर तक जाम लग जाता है। प्रशासन की ओर से पुलिस व्यवस्था नहीं की गई है। शक्तिपीठ में स्वास्थ्य सेवा नहीं है और न ही कोई एम्बुलैंस सुविधा है।

Ekta