सऊदी अरब से लौट घर पहुंचे तीनों युवक, परिजनों की आंखों से झलके आंसू (PICS)

Tuesday, Dec 11, 2018 - 05:21 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): सऊदी अरब में फंसे 14 भारतीयों में से चार की वापसी हो चुकी है। सोमवार आधी रात को हरजिंद्र सिंह, अश्वनी सांख्यान व जोगिंद्र कुमार के वापिस घर पहुंचने पर परिवार के सदस्यों के उनके आने की खुशी से आंखों से आंसू झलक पड़े। सुंदरनगर के भोजपुर निवासी हरजिंद्र सिंह ने घर पहुंचते ही सबसे पहले अपने बच्चों को गले लगाया। मंगलवार दोपहर को वह सुंदरनगर पुलिस थाना पहुंचे। जहां उन्होंने अपने साथ एजेंटों द्वारा की गई धोखाधड़ी बारे में पुलिस में अपने बयान दर्ज कराए हैं। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि जेल में उनके बिताये दो सप्ताह वह जीवन भर नहीं भुलेंगे। 


उन्होंने बताया कि जेल में शौच से लौटने पर किसी को थोड़ी देर होती तो उसे चांटे पड़ते थे। उन्होंने कहा कि यहां के एजेंटों के माध्यम से सऊदी अरब गए 14 युवकों में से उनके सहित अब तक केवल 4 ही वापिस स्वदेश लौटे हैं। जबकि 7 अब भी वीजा समाप्त होने के बाद वहां की जेल में कैद है और 3 युवकों को मालिक बिना उनकी इच्छा के छुड़ाकर काम पर वापिस ले गया है। लेकिन वहां फंसे सभी 10 लोग स्वदेश लौटना चाहते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जो 10 और युवा वहां पर फंसे हुए हैं उन्हें भी जल्द स्वदेश लाने का इंतजाम किया जाए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया है कि वह विदेश में रोजगार के लिए जाने से पहले जांच ले कि उन्हें भेजने वाले एजेंट पंजीकृत है या नहीं और उन्हें वर्क परमिट पर ही विदेश भेजा जा रहा है। अन्यथा उन्हें भी उनकी तरह मानसिक पीड़ा सहने को मजबूर होना पड़ेगा। इधर मंगलवार को सऊदी अरब से लौटे युवकों ने भी सुंदरनगर थाना में जाकर एजेंटों के खिलाफ अपना ब्यान दर्ज करवाया है।


थाना प्रभारी गुरबचन सिंह ने बताया कि पुलिस हर पहलु को ध्यान में रखकर इस मामले में जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि 14 युवकों को वर्क परमिट पर भेजने के बजाए टूरिस्ट वीजा पर सऊदी अरब भेजने के आरोपी तीनों एजेंट परिजनों की प्राथमिकी पर पुलिस हिरासत में है। जिन्होंने जांच में मुंबई के एक एजेंट के माध्यम से इनको सऊदी अरब भेजने की बात मानी है। सऊदी से अपने घर सुंदरनगर पहुंचे हरजिंद्र सिंह ने बताया कि एजेंट ने 3 महीने के टूरिस्ट वीजा पर विदेश भेजा और आगे का वीजा कंपनी मालिक द्वारा बनाने की बात कही। लेकिन जब तीन महीने का समय खत्म होने पर सभी युवकों द्वारा कंपनी मालिक से बात की गई तो कहा कि इस बारे में एजेंट से बात करे लेकिन जब एजेंट से बात की गई तो उस ने कहा की आगे का वीजा बन जाएगा। आप सभी अपना काम करते रहे लेकिन कंपनी मालिक द्वारा सैलरी भी नहीं दी जा रही थी और गुलामों की तरह व्यवहार किया जा रहा था, जिसके बाद हमारे द्वारा कंपनी में स्ट्राइक की गई और भारतीय दूतावास में इसकी पूरी जानकारी दी गई। लेकिन भारतीय दूतावास से भी कोई भी सहायता नहीं मिली और भारत के हिसाब से तीन लाख का राशि का जुर्माना भरने की बात कही लेकिन पैसा न होने के चलते वहां की पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया।

विदेश से लौटे युवक हितेन्दर ने बताया कि जब हमें गिरफ्तार किया गया तो उसके बाद कई दिन तक हमें जेल में रहना पड़ा। जहां पर न अच्छे से खाना मिलता था और न ही कोई मैडीकल की सुविधा। उन्होंने कहा कि अभी भी हमारे 10 साथी वहीं पर फंसे हैं जिसमें 7 जेल में और 3 से कंपनी मालिक जबरदस्ती काम करवा रही है। उन लोगों के हालात ठीक नहीं है। सरकार से आग्रह करते है कि जल्द से जल्द उन्हें भी भारत वापिस लाए। वही हितेन्दर ने देश के अन्य लोगों से भी आग्रह किया है कि विदेश जाने के लिए रजिस्टर एजेंट के माध्यम से जाए न कि धोखेबाज एजेंटों के माध्यम से। उन्होंने इन एजेंटो पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि इनके द्वारा और लोग विदेश जाकर न फंसे।

 

Ekta