‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत मंडी सहित 3 जिलों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

Friday, Sep 06, 2019 - 04:29 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत जागरूकता सृजन एवं आऊटरीच गतिविधियों के शानदार काम के लिए हिमाचल के 3 जिलों को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार मंडी, शिमला व सिरमौर जिला को मिला है। मंडी के डीसी ऋग्वेद ठाकुर, शिमला के डीसाी अमित कश्यप और सिरमौर के डीसी आरके प्रूथी ने दिल्ली में आयोजित महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरस्कार ग्रहण किया।

मंडी को एक साल में दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार

काबिलेगौर है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 7 अक्तूबर, 2018 को मंडी जिला में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। यह अपने आप में एक शानदार उपलब्धि है कि एक साल से भी कम के अरसे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए जिला को दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इससे पहले मंडी को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ में प्रभावी सामुदायिक सहभागिता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसी साल 24 जनवरी को डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने तत्कालीन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से दिल्ली में यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया था।

जनसहयोग से बना जन आंदोलन

डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने जिलावासियों को इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को जनसहयोग से जन आंदोलन बनाने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत स्त्री अभियान के माध्यम से महिला मंडलों, पंचायती राज संस्थानों व अन्य सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लेकर पंचायतों-गांवों में काम किया है। युवाओं को रैडक्रॉस की यूथ विंग से जोड़कर अभियान के संदेश को फैलाया गया। इसके अलावा प्रशासन ने पंचायत स्तर पर बेटियों के जन्मोत्सव मनाकर व मेलों-त्यौहारों में मानव श्रृंखला बनाकर, सामूहिक कन्या पूजन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर जन-जन तक अभियान का संदेश पहुंचाने एवं जागरूकता लाने के कारगर प्रयास किए हैं।

1008 कन्याओं के सामूहिक पूजन ने बटोरा जनसमर्थन व तारीफ

इस बार अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान पहली बार सेरी मंच पर 1008 कन्याओं का सामूहिक पूजन का कार्यक्रम कर पुरातन संस्कृति को बेटियों की सुरक्षा से जोडऩे की कवायद की गई। प्रशासन की इस पहल ने बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन और तारीफ बटोरी। दशहरा उत्सव के मौके पर कन्या भ्रूण हत्या को रावण का प्रतीक मानकर इसका दहन करके बेटा-बेटी में भेद की दरिद्र सोच को समाप्त करने का प्रभावी संदेश जन-जन तक पहुंचा। इसके अलावा महिला मंडलों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सर्व देव समाज संस्था और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों की भागीदारी से गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई है। सरकारी कार्यक्रमों में नवजात बच्चिायों के अभिभावकों को बधाई पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित व प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया है। जिला में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान में एक नया आयाम जोड़ते हुए इसे पर्यावरण सुरक्षा से जोड़ कर बालिका गौरव उद्यान योजना शुरू की गई है। जिले की हर पंचायत में बेटियों के नाम पर उद्यान स्थापित करने की इस मुहिम में सामुदायिक भागीदारी बनाई गई है।

सक्रिय भागीदारी एवं समन्वित प्रयासों पर जोर

महिला एवं बाल विकास विभाग मंडी के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेंद्र तेगटा ने कहा कि जिले में शिशु लिंगानुपात में सुधार और 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग की शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए सभी को सक्रिय भागीदारी एवं समन्वित प्रयासों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव का लक्ष्य पाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में जनभागीदारी से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को लेकर जागरूकता सृजन एवं आऊटरीच गतिविधियों का जो शानदार काम किया गया है, केंद्र सरकार ने उसी के चलते मंडी को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है।

Vijay