ये है दुनिया की सबसे महंगी सब्जी, फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान (Watch Video)

Wednesday, Apr 03, 2019 - 03:06 PM (IST)

रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): आज तक हम लोगों ने 20 से 100 रुपए किलो तक की सब्जियां ही खाई होंगी। लेकिन क्या आप लोगों ने कभी 15 हजार रुपए प्रति किलो वाली सब्जी खाई है। जी हां, इस सब्जी की अपनी एक अलग ही खासियत है। तो चलिए जानते हैं इस सब्जी और इसकी खासियत के बारे में। बसंत ऋतु में हिमाचल के जंगलों में प्राकृतिक रूप से निकलने वाली 'गुच्छी' को दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार किया जाता है। इसको हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम 'मार्कुला एस्कुलेंटा' है। यह न केवल 5 स्टार होटलों में परोसी जाने वाली महंगी सब्जी है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है।

ग्रामीण दूर-दराज इलाकों में इसे औषधी के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं। गुच्ची 18 से 21 तापमान में उगती है और औसतन 2-7 सेंमी चौड़ी व 2-10 सेंमी लंबी होती है। गुच्छी निम्न ऊंचाई पर सफेद रंग की पाई जाती है जबकि देवदार एवं अन्य ऊंचाई वाले वन क्षेत्र में इसका रंग डार्क हो जाता है। पहाड़ी ग्रामीण लोगों में मान्यता है कि गुच्छियां बादलों के गर्जन के साथ निकलती है। सर्दियां खत्म होते ही गुच्छियां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड कश्मीर और हिमालय के अन्य ऊंचे हिस्सों में होती है। गुच्छी में विटामिन बी, डी, सी व अन्य विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारी नहीं होती।

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में चेउ, किन्नौर में जांगनोच एस्क्यूलेंटा एक लेटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है खाने योग्य। इसी शब्द पर गुच्छी का वैज्ञानिक नाम पड़ा है। वैसे गुच्छी एक प्रकार का प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला मशरूम है जिसका तना सफेद व हल्के पीले रंग का होता है। यह अंदर से खोखला होता है और नरम होता है। गुच्छी की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी है। पाकिस्तान, अमरीका, यूरोप, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में कुल्लू की गुच्छी की खासी मांग है।

Ekta