चम्बा के इस ऐतिहासिक मेले में ये 3 संध्याएं होंगी आकर्षण का केंद्र

Saturday, Jun 24, 2017 - 11:20 PM (IST)

चम्बा: ऐतिहासिक मिंजर मेला की सांस्कृतिक संध्याओं को आकर्षित बनाने के लिए किन-किन प्रख्यात कलाकारों को बुलाया जाए, इस पर चर्चा करने के लिए शनिवार को मिंजर मेला की सांस्कृतिक कार्यक्रम उपसमिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता उपसमिति के संयोजक ए.डी.एम. चम्बा बलवीर ठाकुर ने की। बैठक में कई पाश्र्व गायकों के नामों पर चर्चा हुई और इन नामों को मिंजर मेला समिति के अध्यक्ष डी.सी. चम्बा के समक्ष रखने की बात कही गई। 

बैठक में लिए निर्णयों में न हो बदलाव
उपसमिति के गैर-सरकारी सदस्यों ने कहा कि हर बार मेले की सांस्कृतिक संध्याओं के सफलतापूर्वक आयोजन को लेकर उपसमिति की बैठक तो बुलाई जाती है लेकिन इसमें जिन कलाकारों के नामों पर निर्णय लिया जाता है, उनमें बाद में उपसमिति को विश्वास में लिए बगैर बदलाव कर दिया जाता है। सदस्यों का कहना है कि ऐसा होने से उन्हें लोगों के बीच इस बात को जवाब देने में परेशानी आती है। 

विभिन्न कार्यालयों में रखी जाएंगी सुझाव पेटियां
उपसमिति के संयोजक बलवीर ठाकुर ने उपसमिति सदस्यों को बताया कि मेले की सांस्कृतिक संध्याओं को और भी आकर्षित बनाने के लिए लोगों के सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए डी.सी. कार्यालय व एस.डी.एम. कार्यालय में सुझाव पेटियां रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन सुझाव पेटियों के माध्यम से लोगों के जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उन पर भी विचार किया जाएगा। जो मान्य व योग्य सुझाव प्राप्त होंगे, उन्हें अमल में लाया जाएगा। 

2 बॉलीवुड, एक पंजाबी नाइट होगी
उपसमिति सदस्यों ने सुझाव दिया है कि मिंजर मेले की पहली व अंतिम सांस्कृतिक संध्या में बालीवुड के पाश्र्व गायकों को बुलाया जाए तो एक सांस्कृतिक संध्या पंजाबी गायक, एक चम्बयाली व 2 संध्याएं पहाड़ी कलाकारों के लिए आयोजित हों। इससे जहां मेला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा तो साथ ही प्रदेश के गायकों को भी उचित मौका मिल सकेगा।

हिमाचली कलाकारों के नाम रहेंगी 2 सांस्कृतिक संध्याएं
मिंजर मेला की 2 सांस्कृतिक संध्याएं पूरी तरह से हिमाचली कलाकारों के नाम रहेंगी। प्रदेश के प्रख्यात पहाड़ी गायकों को अपने कार्यक्रम पेश करने के लिए उचित समय व मौका मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए उपसमिति ने यह सुझाव दिया है कि कम से कम 2 सांस्कृतिक संध्याएं प्रदेश के लोक कलाकारों के नाम की जाएं। इसमें कार्तिक कुमार, राखी गौतम, पूनम शर्मा, कुलदीप शर्मा, सुरेश चौहान, ठाकुर दास राठी, सुनील कुमार, संजीव दीक्षित, करनैल राणा व सुनील राणा के नामों पर चर्चा हुई। 

पैसे में न लगाया जाए कट
उपसमिति सदस्यों का कहना था कि ऐतिहासिक मिंजर मेला की सांस्कृतिक संध्याओं पर आने वाले खर्च पर किसी भी बात को आधार बनाकर कट न लगाया जाए क्योंकि विकास कार्यों के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है, ऐसे में किसी भी विकास कार्य की दुहाई देकर सांस्कृतिक संध्याओं पर आने वाले खर्च में कट न लगाया जाए। अगर मिंजर मेला आयोजन समिति ऐसा करती है तो बेहतर है कि 2 ही संध्याओं में कलाकारों को बुलाया जाए और शेष संध्याओं में एन.एड.सी.सी. के कलाकारों से कार्यक्रम पेश करवाए जाएं ताकि शेष जो भी पैसा बचता है, उसे सीधे रैडक्रॉस में डाल दिया जाए या फिर गरीबों में बांट दिया जाए।