Landslide से गिरा ये स्कूल, 500 बच्चों का भविष्य पड़ा खतरे में

punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2019 - 11:09 AM (IST)

परवाणु : फोरलेन की कटिंग से जाबली स्कूल के नीचे बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड से स्कूल भवन को प्रशासन ने असुरक्षित घोषित कर दिया है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात करीब एक बजे के आसपास भवन के नीचे लैंड स्लाइड हुआ। इस कारण स्कूल भवन का बड़ा हिस्सा गिर गया। इससे स्कूल भवन को खतरा पैदा हो गया है। इस कारण स्कूल में पढ़ने वाले करीब 500 बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। गनीमत रही कि हाईवे पर गुजर रहे वाहनों को कोई नुक्सान नहीं हुआ। नैशनल हाईवे पर रात को 2 घंटे तक जाम लगा रहा। हाईवे पुलिस ने रात को मौके पर पहुंच कर जाम खुलवाया।

सुबह प्रशासन की ओर से सक्षम एवं भू-अर्जन अधिकारी कम एस.डी.एम. सोलन रोहित राठौर व तहसीलदार कसौली केशव तोमर मौके पर पहुंचे। स्थानीय पंचायत प्रधान दुनी चंद, विनय, प्रधानाचार्य, एस.एम.सी. प्रधान, भूपेंद्र ठाकुर, जगमोहन, सदानंद, पूर्ण चंद, ओम प्रकाश व योगेंद्र ने मौके पर आए प्रशासनिक अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया। एस.डी.एम. ने मौके पर स्कूल को असुरक्षित घोषित कर दिया। प्रधानाचार्य कार्यालय, सुपरिंटैंडैंट कार्यालय व उसके ऊपर बने भवन को तुरंत खाली करने के आदेश दीवार पर चिपकाए, साथ ही लैंड स्लाइड के खतरे को भांपते हुए पूरे कैंपस को शिफ्ट करने के मौखिक आदेश दिए। स्कूल भवन को बार-बार लैंड स्लाइड से हो रहे खतरे के कारण जिला प्रशासन द्वारा असुरक्षित घोषित करने के बाद एन.एच.आई. की टीम ने स्कूल की वैल्यूएशन निकाल कर इसके मुआवजे के लिए रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए एन.एच.ए.आई. की ओर से स्कूल का दौरा शनिवार को किया गया।

पंचायत प्रधान ने कहा कि जिला प्रशासन ने जल्द स्कूल खाली करने के लिए कहा है, लेकिन इतनी जल्दी स्कूल शिफ्ट करने के लिए परेशानी हो सकती है। जाबली व इसके पास लगभग सभी सरकारी कार्यालय फोरलेन की जद्द में आ चुके हैं। सक्षम एवं भू-अर्जन अधिकारी रोहित राठौर ने कहा कि स्कूल भवन असुरक्षित है। स्कूल भवन को जल्द शिफ्ट किया जाए ताकि कोई जान माल का नुक्सान न हो। निर्माण कंपनी ने नहीं रोका कार्य लोगों ने कहा कि जब स्कूल में बोर्ड की वाॢषक परीक्षा हो रही थी तब भी फोरलेन निर्माण कंपनी ने स्कूल के नीचे कार्य नहीं रोका जबकि लोग बार-बार स्कूल को खतरे की बात कह रहे थे। एन.एच.आई. ने भी लापरवाही बरती जिसका खमियाजा बच्चे झेल रहे हैं।
 


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kirti

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