प्रदेश सरकार भेड़पालकों के कल्याण के प्रति गंभीरः त्रिलोक कपूर

punjabkesari.in Friday, Mar 05, 2021 - 01:06 PM (IST)

नूरपुर (रूशांत) : वूल फैडरेशन हिमाचल प्रदेश और पशु पालन विभाग के सौजन्य से स्थानीय वन विश्राम गृह में भेड़पालकों के लिए एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें हिमाचल प्रदेश वूल फैडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस शिविर में लगभग 800 से अधिक घुमन्तू भेड़ पालकों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की सच्ची हितैषी है और इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के हितों तथा समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं हैं। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार पिछले कई वर्षों से इस व्यवसाय से जुड़ा रहा है इसलिए वह व्यक्तिगत रूप से इस समुदाय के लोगों का दर्द समझते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस वर्ग की समस्याओं को हर मंच पर उठा कर उन्हें हल करने की दिशा में विशेष प्रयास करते हैं। 

त्रिलोक कपूर ने कहा कि वर्तमान में भेड़पालन व्यवसाय कठिन व चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, परंतु प्रदेश सरकार उनकी हर समस्या के समाधान के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय को जीवित रखना भेड़पालकों के लिए परिवार की आर्थिकी को बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भेड़-बकरियों की चोरी को रोकने के लिए जहां प्रदेश सरकार द्वारा कड़े कानून बनाए गए हैं वहीं मुख्यमंत्री द्वारा इस बारे में स्वयं संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी जिलों के  पुलिस प्रमुखों को ऐसी घटनाओं को रोकने तथा इस कार्य में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर एस.डी.एम. डाॅ. सुरेंद्र ठाकुर, डी.एफ.ओ. विकल्प यादव, ए.सी.एफ. संदीप कोहली, पशु विश्विद्यालय के  वैज्ञानिक डाॅ. अरुण शर्मा, पशु पालन विभाग के सहायक निदेशक डाॅ. अजय चैधरी सहित पशु पालन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी व भेड़ पालक उपस्थित थे।

भेड़ पालकों की आय दोगुना करने को सरकार प्रयासरत

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की आय को दोगुना करने तथा व्यवसाय को जीवित रखने व इस व्यवसाय के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए गंभीर है। व्यवसाय में चरागाह संबंधी आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ वन मंत्री राकेश पठानिया भी व्यक्तिगत रूप से रुचि ले रहे हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारिओं को सीमांत राज्यों से बिना परमिट आने वाले घुमन्तू भेड़पालकों पर नजर रखने व उन पर कार्रवाई करने को भी कहा। इस मौके पर उन्होंने भेड़पालकों को इमरजेंसी के दौरान मेडिकल किटें जिसमें भेड़-बकरियों के लिए दी जाने वाली दवाइयां व 1-1 सोलर टॉर्च भी वितरित की। इस मौके पर पशु वैज्ञानिकों तथा चिकित्सकों द्वारा भेड़पालकों को भेड़-बकरियों की विभिन्न बीमारियों व उनके उपचार बारे भी जानकारी प्रदान की।
 


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Content Writer

prashant sharma

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