Himachal: फिना सिंह परियोजना में प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाने की तैयारी में सरकार: जयराम
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 06:26 PM (IST)

शिमला (हैडली): केंद्र की वित्त पोषित परियोजनाओं में राज्य सरकार भ्रष्टाचार कर रही है और फिना सिंह परियोजना में प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाने की तैयारी करते हुए सरकार ज्वाइंट वैंचर को रोककर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना चाहती है। यहां से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित फिना सिंह योजना में भी भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है। सुक्खू सरकार ने टैंडर की शर्तों में जो हेर-फेर कर रही है, उससे प्रदेश को करोड़ों की चपत लग रही है।
ज्वाइंट वैंचर पर रोक लगाकर सुक्खू सरकार एक तरफ नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, दूसरी तरफ टैंडर प्रक्रिया से बहुत से बड़ी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है, जिसकी वजह से कई कंपनियां टैंडर प्रक्रिया से बाहर हो गईं और टैंडर की प्रतिस्पर्धा घट गई है। फिना सिंह प्रोजैक्ट के जिस टैंडर की कीमत 297 करोड़ थी, उसके लिए न्यूनतम निविदा 304 रुपए करोड़ के ऊपर आई है। ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता भी अपने चहेतों को लाभ देने में लुटाई जा रही है। इसके पहले सरकार पेखुवेला सोलर प्रोजैक्ट्स में दोगुना कीमत पर बनवाया और इसी चक्कर में विमल नेगी की जान भी गई।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने ज्वाइंट वैंचर पर रोक लगाकर टैंडर से बहुत सी कंपनियों को बाहर कर दिया। यदि बहुत सारी कंपनियां इस बिडिंग प्रक्रिया में शामिल होती तो टैंडर में 25 से 30 प्रतिशत कम पर भी दांव लगता और इससे प्रदेश का 75 से 90 करोड़ रुपए बच सकते थे। फिना सिंह प्रोजैक्ट में ही 2016 में ज्वाइंट वैंचर की सुविधा से टैंडर हुए थे। एनएचएआई, बीआरओ व पीडब्ल्यूडी की परियोजनाओं में 100 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजैक्ट में ज्वाइंट वैंचर की अनुमति है। ऐसे में सवाल उठता है कि केंद्रीय संस्थाओं के नियमों के विपरीत हिमाचल सरकार और जलशक्ति विभाग फिना सिंह सिंचाई परियोजना के टैंडर में ज्वाइंट वैंचर पर रोक कैसे लगा सकती है? और सरकार नियमों में हेरफेर करके किसी को फायदा और प्रदेश का घाटा क्यों करवा रही है।
उन्होंने कहा कि फिना सिंह सिंचाई परियोजना को समय से पूरा करने और निर्माण कार्यों में गति देने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने बीते वर्ष अगस्त में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर 284 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया था। इसे केंद्र द्वारा‘त्वरित सिंचाई लाभान्वित कार्यक्रम (ए.आई.बी.पी.) के तहत मंजूर किया है, जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र व 10 प्रतिशत राज्य सरकार ने खर्च करना है। फरवरी 2025 में केंद्र सरकार इस परियोजना के निर्माण के लिए 67.5 करोड़ रुपए की पहली किस्त भी जारी कर चुकी है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद सुल्याली की 4025 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे लगभग 60 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में हरित क्रांति आएगी।