बड़ी लापरवाही, गरीबों के जहां बने मकान उनके नाम नहीं वह जमीन

punjabkesari.in Saturday, Dec 29, 2018 - 10:38 AM (IST)

सोलन : गरीबों के जहां मकान बने हैं कागजों में वह जमीन उनके नाम ही नहीं है। यह सरकारी तंत्र की कथित लापरवाही का बहुत बड़ा उदाहरण है। सोलन की सेर बनेड़ा पंचायत के ओईली बस्ती में रहने वाले करीब 25 से 30 गरीब परिवारों को अपनी भूमि का मालिकाना हक हासिल करने में करीब 43 वर्ष लग गए। 4 दशक से भी अधिक समय से जिस जगह पर उनके मकान व जमीन है, राजस्व रिकार्ड में वह उनके नाम ही नहीं चढ़ी है। जो जमीन उनके नाम पर चढ़ी हुई है, वह खड़ी ढांक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उस समय के राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें आबंटित हुई भूमि के गलत ततीमे काट दिए थे, जिस कारण ये लोग जिस भूमि पर रह रहे हैं या काश्त कर रहे हैं, उसके मालिक ही नहीं बन सके हैं।

लोग हो रहे परेशान

भाजपा नेता राजेश कश्यप ने डी.सी. सोलन से इस मामले को उठाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए डी.सी. ने तहसीलदार सहित राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारियों को ततीमा दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसी का परिणाम है कि पटवारी व अन्य कर्मचारी ओइली गांव में जाकर लोगों की भूमि ई.टी.एस. (इलैक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) सिस्टम से ततीमा दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। ई.टी.एस. भूमि के सर्वे का आधुनिक सिस्टम है। विदित रहे कि वर्ष 1975 में सरकार ने ओइली में भूमिहीन परिवारों को करीब 5-5 बीघा भूमि आबंंटित की थी। राजेश कश्यप ने बताया कि वह पिछले 6 महीने से इस काम पर लगे हुए थे। हैरानी की बात यह है कि किसी ने भी इन लोगों की समस्याओं का समझने का प्रयास नहीं किया। सलोगड़ा में भी इस प्रकार की समस्या है। इसे भी दूर किया जाएगा।
 


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kirti

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