सत्ता पक्ष के विधायकों ने किया सरकार का गुणगान, विपक्ष ने किया वाॅकआऊट

Wednesday, Mar 04, 2020 - 06:58 PM (IST)

शिमला (योगराज शर्मा): विधानसभा सत्र का सातवां दिन काफी हंगामे वाला रहा। पहले कोरोना वायरस की चर्चा के दौरान विपक्ष ने वाॅकआउट कर दिया था। इसके कुछ देर बाद सदन की कार्रवाई फिर प्रारंभ हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी विपक्ष ने एक बार फिर वाॅकआउट कर दिया। इसके बाद सदन की कार्रवाई गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के अंतिम दिन विधायक सुखराम चैधरी ने सरकार के कार्यों की तारीफ की। सुखराम चैधरी ने महिला गृहिणी योजना, हिम केअर योजना, प्रधानमंत्री किसान योजना व जनमंच को प्रदेश सरकार की उपलब्धियां करार दिया। उन्होंने लोकसभा के बाद उपचुनावों में भाजपा की जीत  को सरकार की लोकप्रियता से जोड़ा। भाजपा साफ-सुथरा शासन दे रही है जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा। पिछली सरकार ने जाते जाते शिक्षण संस्थानों सहित कई अन्य संस्थान बिना बजट व भवनों के खोल दिए।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में कांग्रेस की ओर से नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह ने सरकार पर 24 महीने से कुम्भकर्णी नींद सोने की बात कही। उन्होंने  कहा किपीएम मोदी का गुणगान कर रहे है, इससे उनको कोई दिक्कत नही लेकिन 70 साल के कांग्रेस के कार्यकाल को कोसना ठीक नही। जिस देश में सुई तक नही बनती थी उस देश को कांग्रेस ने चांद तक पहुंचाया। कांग्रेस ने आरबीआई, न्यायालय व आम आदमी को मजबूत किया, जबकि भाजपा देश को तोड़ने का प्रयास कर रही है। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के सूर्य अस्त होते ही मंत्री मस्त हो जाते है। इस पर सत्ता पक्ष ने एतराज जताया व ऐसे शब्दों को वापिस लेने की मांग की। मुख्यमंत्री व अध्यक्ष के कहने पर सुक्खू ने ये शब्द वापिस ले लिए।

राज्यपाल के अभिभाषण पर कांग्रेस के विधायक जगत नेगी ने कहा कि सरकार ने नारा दिया किया दो साल विश्वास व विकास के, ये विश्वास खो दिया है। भाजपा सरकार के मुंगेरी लाल के हसीन सपने स्वर्णिम पत्र में जो वायदे थे आज तक पूरे नही हुए। रूसा को खत्म करने का वायदा किया था वह पूरा नही हुआ। मजदूरों, किसानों का विश्वास खो दिया। हिमाचल में 9 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवक है। प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है, सड़क, स्वास्थ्य व शिक्षा की हालत खराब है। महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े, कानून व्यवस्था की हालत खराब है। प्रगति प्रदेश का नाम बदनाम करने में हुई। प्रदेश में नकली दवाओं से बच्चों की मौत हो गई। इतनी हेल्पलाइन बना दी कि ये हेल्पलेस लाइन सिद्ध हो रही है। फर्जी डिग्रियां बेची जा रही है।

जगत नेगी की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जबाब में कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में 42 सदस्यों ने भाग लिया। जिनमें 25 सत्ता पक्ष एवम 14 विपक्ष के साथ तीन अन्य सदस्यों ने भाग लिया। सरकार ने अपने कार्यकाल में अच्छा करने की कोशिश की है जो कमियां है उनको दूर किया जाएगा। सत्ता पक्ष ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया तो विपक्ष ने भी अपने विचार रखे। विपक्ष को सुझाव देने चाहिए थे लेकिन ऐसा न करके सिर्फ सत्ता पक्ष को कोसने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा यदि सरकार ने प्रदेश में कोई काम नही किया तो फिर लोकसभा व उपचुनावों में भाजपा को आपार जनसमर्थन क्यों मिला। विपक्ष को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। विपक्ष हिमाचल को बेचने की बात कहता रहा है। जो निराधार है हिमाचल की रक्षा भाजपा की सबसे पहली प्राथमिकता है।

जनमंच पर विपक्ष के सवालों का जबाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में जनमंच एक अनूठी योजना है। 189 जनमंच आयोजित किए, जिनमे 45,000 शिकायतें आई। इनमें से 41 हजार शिकायतों का निबटारा किया गया। हेल्पलाइन की दिशा में हिमाचल छठा प्रदेश है जहाँ ये शुरू हुई है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से  33,275 शिकायतों का समाधान किया गया। गृहिणी योजना के तहत 2 लाख 76 गैस कनेक्शन दिए। हिमकेयर में 5 लाख के कवर में 65 करोड़ खर्च किया गया। सहारा योजना के माध्यम से 2000 रुपए पेंशन दी जा रही है। हिमाचल एसडीजी में देशभर में दूसरे स्थान पर है। विपक्ष कर्ज की बात करता है ये भी कांग्रेस सरकार की देन है। बाबजुद इसके सरकार भारत सरकार के मापदंडों की सीमा निर्धारण के तहत ऋण ले सकती है। सभी आंकड़ो को जोड़ा जाए तो सरकार ने दो साल में पिछले दो माह को छोड़ दिया जाए तो 5669 करोड़ ऋण लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती का मामला आया तो सरकार ने भर्ती रद्द कर 35 लोगों को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने एनएच, हवाई सेवाओ के विस्तार की भी बात कही व कांगड़ा के साथ मंडी में बड़ा हवाई अड्डा बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का हवाला दिया। जल से बल योजना, शिक्षा पर्यटन पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी। हत्या के 2019 में 70 मामले दर्ज हुए जबकि 2018 में 99 मामले दर्ज हुए। अन्य आपराधिक मामलों में भी कमी आई है। विपक्ष गलत आंकड़े कहाँ से देता है ये बताए। इस पर विपक्ष के सभी सदस्य अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए व मुख्यमंत्री के आंकड़ो से असंतुष्ट होकर नारेबाजी करने लगे। इसी शोर-शराबे के बीच विपक्ष ने सदन से वाॅकआऊट कर दिया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर विपक्ष सदन से जवाब चाह रहा था उसका जवाब मुख्यमंत्री ने नहीं दिया। कानून व्यवस्था और कर्ज को लेकर सरकार गलत आंकड़े दे रहे हैं। 10 हजार करोड़ का कर्ज सरकार दो साल में ले चुकी है। कानून व्यवस्था के प्रदेश में हालात खराब है और सरकार हिमाचल की बात न करके केंद्र की मोदी सरकार का गुणगान करने में लगी है।

विपक्ष के वाॅकआऊट से मुख्यमंत्री नाराज दिखे व कहा कि विपक्ष सरकार के काम की सुनने के लिए तैयार नही है। अगले चुनावों में विपक्ष की संख्या और कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार स्वरोजगार की बढ़वा दे रही है। सरकार दो साल में लोगों का दिल जीतने में सफल रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के सफल आयोजन पर भी विपक्ष को एतराज है तो इस इनवेस्टर मीट से प्रदेश का हित होगा। पीएम मोदी ने इसमें अपना आशीर्वाद दिया।  साढ़े तेरह हजार करोड़ के इन्वेस्ट पर गृह मंत्री ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में आते है विपक्ष के लोग उसमें भी कमी निकालते है। अपने समय में की अनियमितताओं को भूल गए। दो साल का सरकार का कार्यकाल पूर्णतया पारदर्शी रहा है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नही है इसलिए तथ्यहीन व मुद्दाविहीन बातें करते है। 370 को लेकर जगत नेगी  के सवालों को भी मुख्यमंत्री ने निंदनीय करार दिया ओर 370 को हटाना देश की एकता अखंडता के जरूरी करार दिया। मुख्यमंत्री के जबाब के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन की कार्यवाही वीरवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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