हाईकोर्ट ने आदेशों का पालन न करने पर NHAI को लगाई फटकार

punjabkesari.in Thursday, Jul 04, 2024 - 04:18 PM (IST)

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने समय रहते राजमार्गों सहित जंगलों, नदियों और नालों का उचित रखरखाव न करने पर चेतावनी देते हुए कहा कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि यह जानकर दुख होता है कि 12.06.2024 को हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के बावजूद ब्यास नदी के तल के बीच से बड़ी चट्टानों और पत्थरों को अभी तक नहीं हटाया गया है। इन पत्थरों से पानी के टकराने से बहाव नदी तट तक आ जाता है और सड़कों को नुक्सान पहुंचता है। जंगलों में फैंके गए मलबे से भूमि कटाव होता है और नदियों-नालों का बहाव रुक जाता है।

यह एक सामान्य ज्ञान की बात है, इसलिए हर बार एनएचएआई द्वारा स्थिति को स्टडी करने के बाद एक्शन में आने की बात समझ से परे है। कोर्ट ने मामले से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा कि उन्हें एनएचएआई का नदी की स्थिति की स्टडी करने के बाद यह कहना कतई स्वीकार्य नहीं है कि इस मानसून सीजन के दौरान नदी से बड़े पत्थरों और चट्टानों को नहीं हटाया जा सकता है। क्योंकि एनएचएआई के पास जून का पूरा महीना था, जब मानसून ने हिमाचल प्रदेश राज्य को नहीं छुआ था और एनएचएआई द्वारा उक्त अवधि में कुछ किया जा सकता था। एनएचएआई ने इस दौरान कुछ भी नहीं किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि एनएचएआई की इस निष्क्रियता के कारण कोई अप्रिय घटना होती है तो एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ उचित निर्देश जारी किया जाएगा। मामले पर सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित की गई है।

इस मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने गत 12 जून को राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे कि राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा अन्य सड़कों की स्थिति अच्छी बनी रहे, ताकि नागरिकों को भोजन व ईंधन इत्यादि की आवश्यक आपूर्ति बनाई रखी जा सके। एनएचएआई को भी आदेश दिए थे कि वह भी बरसात से पहले ब्यास नदी के बीच से बड़े-बड़े पथरों और बड़ी चट्टानों को हटाए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले वर्ष हुई भरी बरसात के कारण सैंकड़ों सड़कें तबाह हो गई थीं। हाईकोर्ट ने पहले भी कहा था कि लोक निर्माण विभाग का अगली आपदा से पहले जागना जरूरी है। आपदा के बाद जागने से नुक्सान की भरपाई ही करनी होती है, जिससे जनता के धन का दुरुपयोग होता है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त महीने में भारी बारिश से हुए भूस्खलन से प्रदेश की सड़कों को भारी नुक्सान पहुंचा था।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News