राज्यपाल ने कुलपति से की हिंसक झड़प की रिपोर्ट तलब

Thursday, Mar 28, 2019 - 04:28 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): छात्र संगठन एस.एफ.आई. और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले को लेकर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने संज्ञान लिया है। पिछले रविवार को हुई हिंसक घटना के मामले को लेकर राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार से मामले की रिपोर्ट तलब की है। राज्यपाल ने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट 3 दिनों के भीतर देने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट अवलोकन के लिए प्रस्तुत करने को कहा है। इसके अलावा राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को व्यवहारिक कार्य योजना भी इस रिपोर्ट के साथ भेजने के निर्देश दिए हैं। पिछली 24 मार्च को समरहिल के पॉटर हिल्स के समीक्ष और बाद में हॉस्टलों के समीप छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसक झड़प में दोनों छात्र संगठन एस.एफ.आई. और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता घायल हो गए थे।

इस झड़प के बाद और छात्र संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाए हैं। इसी बीच राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति से रिपोर्ट तलब की है, साथ ही राज्यपाल ने कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो और इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन कड़े कदम उठाए और विद्यार्थियों से निरंतर संवाद के लिए सुविचारित प्रक्रिया अपनाए। राज्यपाल का कहना है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इस तरह की घटनाओं से न केवल शैक्षणिक माहौल बिगड़ता है अपितु विश्वविद्यालय की छवि भी खराब होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विश्वविद्यालय में इस तरह की घटनाएं न केवल चिंता का विषय है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विश्वविद्यालय में युवाओं के लिए सकारात्मक गतिविधियों में अपनी ऊर्जा लगाने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं हैं।

हिंसक घटना के बाद विवि प्रशासन ने उठाए कड़े कदम

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद कई कड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत छात्र संगठनों की कई गतिविधियों पर रोक लगाई है। इसके तहत छात्र संगठन अब विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन व नारेबाजी नहीं कर पाएंगे और इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेशों को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके अलावा कक्षाओं में छात्र नेताओं के भाषण व संबोधन पर भी रोक लगाई है। इसके अलावा अब कोई विद्यार्थी किसी भी छात्र संगठन का बैज लगाकर परिसर में नहीं घूम पाएगा और बैज लगाने वाले विद्यार्थियों पर अब अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा कई अन्य कदम उठाए गए हैं, ताकि परिसर में माहौल शांतिपूर्ण बना रहे।

Ekta