बुलंद हौसले को सलाम: ISRO में जियोस्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बना रहा मंडी का प्रषुम्न

Monday, Oct 07, 2019 - 01:21 PM (IST)

मंडी (ब्यूरो): हौसले बुलंद हो तो मौत का खौफ भी मंजिल के आड़े नहीं आता। ऐसा ही कुछ मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले गवारड़ू गांव के 23 वर्षीय प्रषुम्न ने कर दिखाया। प्रषुम्न भारत सरकार की प्रतिष्ठित स्पेस एजैंसी इसरो के लिए जिओस्टेशनरी लॉन्च व्हीकल बना रहा है। इसरो में चयनित होने के बाद प्रषुम्न पहली बार अपने घर मंडी पहुंचा, जहां परिजनों सहित स्थानीय लोगों ने उसका स्वागत किया। द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर भी प्रषुम्न को बधाई देने समारोह में पहुंचे और शॉल व टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया। प्रषुम्न ने मंडी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने आई.आई.टी. कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एम.टैक. की है और यहीं से 2018 में कैंपस प्लेसमैंट में मेरा चयन इसरो के लिए हुआ था। 25 जुलाई, 2019 को मैंने इसरो में बतौर साइंटिस्ट अपना कार्यभार संभालकर सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं।  

प्रषुम्न ने बताया कि अंतरिक्ष में जो यान भेजा जाता है, उसे बनाने वाली टीम में इन्हें काम करने का मौका मिला है। यान के 3 भाग होते हैं और ये तीनों अलग-अगल स्थानों पर बनाए जाते हैं। प्रषुम्न अभी त्रिवेंद्रम में तैनात है, जहां यान का सबसे उपरी और अहम भाग बनाया जाता है, जिसे जिओस्टेशनरी लॉन्च व्हीकल कहा जाता है। इसका संचालन लिक्विड हाईड्रोजन और ऑक्सीजन से होता है। प्रषुम्न का कहना है कि अभी उसका शुरूआती ट्रेनिंग पीरियड चला हुआ है और आने वाले समय में वह अपनी अलग प्रोफाइल बनाकर देश के लिए कुछ नया करना चाहते हैं।

कामयाबी से माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया 

प्रषुम्न के पिता घनश्याम भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी हैं, जबकि माता ऋतु सुमन साहल स्कूल में अंग्रेजी की प्रवक्ता हैं। बेटे की इस कामयाबी से माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। प्रषुम्न ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मंडी में ही ग्रहण की। आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उसका चयन कानपुर के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग में हुआ। प्रषुम्न की माता ऋतु सुमन ने बताया कि उनके बेटे का दृढ़ निश्चय ही आज उसे इस मुकाम पर लेकर आया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनका बेटा इसी तरह से और आगे बढ़ेगा और बुलंदियों को छुएगा।

Ekta