प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर में नहीं दूर हुआ Parking Crisis

Sunday, Mar 17, 2019 - 03:19 PM (IST)

शिमला (राजेश कौंडल): पिछले कई वर्षों से राजधानी शिमला के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर में पार्किंग का संकट दूर नहीं हो पा रहा है। जबकि जिला प्रशासन के पास मंदिर स्थित खाली जगह में करोड़ों रुपए की लागत से पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भी है, लेकिन मंदिर के लिए पार्किंग बनाने के लिए फंड जारी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में प्रशासन का प्रस्ताव एक प्रस्ताव बन कर ही रह गया है। पूर्व कांग्रेस सरकार मंदिर के लिए पार्किंग बनाने की प्रकिया शुरू हो गई थी। लेकिन सरकार बदलने के बाद भी मंदिर परिसर में पार्किंग बनाने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पार्किंग निर्माण के लिए घोषणा की थी। घोषणा के बाद प्रशासन ने जमीन की भी तलाश कर ली थी। 

2016 में इसके लिए फंड भी तय किया गया था वहीं अप्रैल 2017 में इसके टैंडर करने तक मामला पहुंच गया था, लेकिन उसके बाद भी तक न तो पार्किंग निर्माण को लेकर कोई कार्य शुरू हुआ और ना ही पार्किंग वाली जगह को साफ करवाया गया। यह पार्किंग मंदिर स्थित खाली जगह के नाले में बनाई जानी है। लेकिन इस स्थान पर करीब 10 से 12 पेड़ हैं, इन्हें काटने के लिए निगम को भी प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन यह प्रोसेसिंग भी अभी कागजों में ही चल रही है। संकट मोचन में अपने वाहन लेकर आने वाले लोगों को हर रविवार और मंगलवार को यहां पर पार्किंग न मिलने की समस्या से जूझना पड़ता है। यही नहीं कई लोग तो अपना वाहन छोड़कर भी नहीं जा सकते, क्योंकि वह वाहन सड़कों के किनारे लगा देते हैं तो बार-बार उन्हें वाहनों को हटाने के लिए आना पड़ता है। यही नहीं पार्किंग न होने के कारण जब सड़कों पर वाहन लगते हैं तो यहां पर घंटों जाम भी लगता है।

हर रविवार, मंगलवार व नवरात्रों में रहती है भक्तों भीड़

राजधानी शिमला स्थित संकट मोचन मंदिर प्रदेश सहित देश में भी प्रसिद्ध है और स्थानीय लोगों सहित शिमला घुमने आने वाला हर पर्यटक संकट मोचन जरूर जाता है, लेकिन भगवान राम और हनुमान और भगवान शिव का मंदिर होने के नाते इस मंदिर में हर रविवार और मंगलवार को लोग मंदिर पहुंचते हैं। रविवार और मंगलवार को यहां पर 200 से ज्यादा वाहनों की आवाजाही है, ऐसे में पार्किंग निर्माण से वाहन मालिकों की परेशानी दूर जा जानी थी। मौजूदा समय में यहां पर 15 से 20 वाहनों की पार्किंग है। ऐसे में रविवार को यहां पर भारी भीड़ रहती है, वाहन चालकों को पार्किंग समस्या से जूझना पड़ता है।

यहां पर है पार्किंग का प्रस्ताव

यह पार्किंग संकट मोचन मंदिर परिसर के बाहर मौजूदा पार्किंग के साथ खाली पड़ी जमीन पर बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए पिल्लर देकर उसके उपर पार्किंग निर्माण किया जाना है। हालांकि यहां पर काफी स्पेस खाली पड़ा है। पार्किंग निर्माण में अधिक परेशानी भी नहीं हैए बावजूद इसके यहां पर अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है। स्थानीय लोग भी परेशान जहां एक ओर संकट मोचन में पार्किंग न होने से श्रद्धालुओं को परेशानी आती हैए वहीं स्थानीय लोग भी यहां पर परेशान हैं। संकट मोचन के नीचे गांव हैं, जहां पर 1000 से अधिक आबादी है। संकट मोचन होकर इस गांव के लिए सड़क जाती है। उस सड़क पर हर मंगलवार व रविवार को लोग अपने वाहन लगा देते है इससे ग्रामीणों को अपने वाहन निकालने मुश्किल हो जाते हैं। यदि संकट मोचन में पार्किंग निर्माण हो जाता तो वाहन सड़कों पर नहीं लगेंगे और लोगों को राहत मिलेगी।

अप्रैल में शुरू होने वाले है नवरात्रें

अप्रैल माह नवरात्रे शुरू होने वाले हैं ऐसे में शहर के अन्य मंदिरों के साथ संकट मोचन मंदिर में भी लगतार आठों दिन पूजा पाठ होता है और प्रतिदिन भंडारा भी लगता है। नवरात्रों में शहर के सभी लोग पूजा अर्चाना के लिए मंदिरों में पहुंचते हैं, लेकिन भक्तों की अधिक संख्या होने से जहां लोगों को पैदल तक चलने में जगह नहीं रहती है वहीं गाड़ियां मुख्य मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक लाइन लग जाती है, ऐसे में पुलिस व जिला प्रशासन को ट्रैफिक संभालना मुश्किल हो जाता है। वहीं कुछ एक लोग सोलन शिमला मार्ग पर भी वाहन पार्क कर देते हैं। इससे जहां मंदिर के मार्ग में जाम लग जाता हैं वहीं मुख्य मार्ग भी जाम लगता है। संकट मोचन मंदिर में करोड़ों रुपए की लागत से पार्किंग बनाने का पिछले प्रस्ताव पिछले कई वर्षों से है। इसके लिए मंदिर स्थित खाली जगह में जमीन भी देखी गई है, लेकिन अभी इस पार्किंग के लिए फंड जारी नहीं हुआ है। अभी तो आचार संहिता लगी है। लेकिन आचार संहिता हटने के बाद जैसे ही फंड आता है। संकट मोचन में पार्किंग बनाई जाएगी, जिससे मंदिर आने वाले हजारों लोगों को सुविधा मिलेगी। वहीं आसानी से अपने वाहन पार्क कर प्रभु राम व हनुमान के दर्शन कर सकेंगे।

Ekta