करगिल युद्ध में टाइगर हिल को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर इस ब्रिगेडियर ने फहराया था तिरंगा

Friday, Jul 26, 2019 - 12:54 PM (IST)

मंडी: 5 और 6 जुलाई 1999 को करगिल युद्ध में टाइगर हिल जीतने पर जवानों का हौंसला बढ़ाने के लिए सीमा पर मिलने नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। उनके साथ हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और मंत्री रहे गुलाब सिंह ठाकुर भी मौजूद थे। नरेंद्र मोदी उस समय हिमाचल भाजपा के प्रभारी थे। इन जवानों में हिमाचल के मंडी जिले के करगिल युद्व के हीरो ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर मौजूद थे। खुशहाल ठाकुर ने बताया कि हिमाचल के अलावा पूरे देश में करगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई जा रही है। 26 जुलाई यानी आज कारगिल विजय दिवस पर देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम हो रहे हैं। 

18 ग्रेनेडियर ने टाइगर हिल को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर फहराया था तिरंगा

युद्ध की यादों को ताजा करते हुए ब्रिगेडियर ठाकुर ने बताया कि जब 4 जुलाई 1999 को सबसे मुश्किल चोटी टाइगर हिल पर सेना ने जीत दर्ज कर ली तो युद्व में भारत का पलड़ा भारी हो गया। 18 ग्रेनेडियर ने टाइगर हिल को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर वहां पर अपना तिरंगा फहराया था। 17 हजार फिट ऊंची टाइगर हिल पर तिरंगा लहराते ही पाकिस्तान की कमर टूट गई। दुश्मन टाइगर हिल की चोटी पर था और वहां से दुश्मन सीधे श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह मार्ग पर गोलाबारी कर बाधा पहुंचा रहा था। टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने के लिए देश के करीब 44 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

युद्ध सेवा मेडल से नवाजे गए खुशहाल ठाकुर

15 मई से लेकर 2 जुलाई तक 8 सिख के जवानों ने टाइगर हिल की घेरे बंदी करके रखी। इसके बाद टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने का जिम्मा 18 ग्रेनेडियर को दिया था। 17 हजार फिट ऊंची टाइगर हिल के लिए 18 ग्रेनेडियर ने करीब 36 घंटे ऑपरेशन चलाया और तिरंगा लहराया। ठाकुर ने बताया कि 18 ग्रेनेडियर की कमांडों टीम की अगुवाई कैप्टन बलवान सिंह ने की। 36 घंटे चले इस आपरेशन के लिए 18 ग्रेनेडियर के जवानों के अपने खाने के सामान को कम करने असलाह और बारूद भर लिया। 18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व करने वाले खुशहाल ठाकुर को युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया।

Ekta