केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट हुए शिक्षक, दिल्ली में बैठक कर लिया यह फैसला

Tuesday, Dec 05, 2017 - 07:05 PM (IST)

शिमला: केंद्र सरकार की शिक्षा नीतियों को लेक र पूरे देश के शिक्षक बजट सत्र में संसद का घेराव करेंगे। अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ की दिल्ली में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में पूरे देश के शिक्षकों ने भाग लिया। इसमें केंद्र सरकार की शिक्षा नीतियों व शिक्षकों पर जबरदस्ती थोपे जा रहे नियमों के खिलाफ शिक्षकों ने रणनीति तैयार की। इस दौरान महासंघ के पदाधिकारियों ने बजट सत्र में संसद के घेराव व धरना-प्रदर्शन का फैसला लिया। अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ व हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बताया कि इस संबंध में बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है और जल्द ही संसद के घेराव व धरना-प्रदर्शन की तिथि निर्धारित क र दी जाएगी।

बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस बैठक में हाल ही में यू.एन. में पेश की गई रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसमें देश की शिक्षा का कोई उल्लेख नहीं है। इसके साथ ही इसमें पुरानी पैंशन योजना की बहाली, पूरे प्रदेश में एक जैसी शिक्षा व्यवस्था प्रदान करना, शिक्षा के आधार को कक्षा 12 तक लागू करना, प्री प्राइमरी शिक्षा को स्कूलों का हिस्सा बनाना, नियमित पदों पर नियमित नियुक्तियां, समान कार्य समान वेतन पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार वेतनमान देने, शिक्षकों से गैर-शिक्षण कोई भी कार्य न करवाने व आर.एम.एस.ए. को एस.एस.ए. में मर्ज करने का विरोध भी इस बैठक में किया गया। 

डी.एल.डी. का मुद्दा भी उठाया 
इस बैठक में डी.एल.डी. का मुद्दा भी उठाया गया। शिक्षकों का कहना है कि नियमित शिक्षकों को डी.एल.डी. जैसे कोर्स करवाकर उन पर मानसिक बोझ डाला जा रहा है एवं समय बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि इसका कोई औचित्य नहीं रह जाता। शिक्षकों ने सभी पार्ट टाइम नियुक्तियों को नियमित करने व जी.डी.पी. का 6 प्रतिशत बजट शिक्षा पर खर्च करने की मांग की है।