जातिगत आरक्षण का फैसला वापस नहीं लिया तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें : राजपूत महासभा

Saturday, Dec 07, 2019 - 05:03 PM (IST)

सुंदरनगर, (नितेश सैनी): शनिवार को हिमाचल राजपूत महासभा के तत्वावधान में राज्य सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश की प्रतिनिधिसभा की बैठक सुंदरनगर में आयोजित की गई। इस बैठक का आयोजन सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेश संयोजक व हिमाचल राजपूत महासभा के प्रदेश महासचिव के.एस. जंवाल की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में राजपूत महासभा, ब्राह्मण सभा, महाजन सभा, खत्री सभा, नामधारी संगत, सैनी समाज तथा आहलूवालिया सभा आदि के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से हाल ही में केंद्रीय मंत्री परिषद द्वारा एससी एवं एसटी कैटेगरी के लिए आरक्षण को एक बार फिर 10 वर्ष के लिए आगे बढ़ाने के फैसले की कठोर निंदा की गई। बैठक में सभी सामान्य वर्ग के केंद्रीय मंत्रियों के इस फैसले में भागीदार बनने और चुप्पी धारण करने का भी कड़ा संज्ञान लिया और इसे अति दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया।

देशव्यापी आंदोलन का रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे

इस मौके पर के.एस. जंवाल ने कहा कि केंद्र सरकार एससी एवं एसटी वर्ग के तुष्टीकरण के एवज में सामान्य वर्ग के लोगों को प्रताडि़त करने की नियत से नित्य नए अलोकतांत्रिक निर्णय ले रही है। जिसे सामान्य वर्ग के सभी लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और प्रदेश स्तरीय जारी अपने संघर्ष को और तेज करके अन्य राज्यों के संगठनों से मिलकर इसे देशव्यापी आंदोलन का रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार और आरएसएस आदि प्रमुख संगठनों से इस आरक्षण की व्यवस्था को पुनर्विचार करके न्यायोचित सुधार लाने की अपेक्षा की थी। मगर अब तो यह संस्थाएं सामान्य वर्ग के लोगों से अन्य जातिगत समर्थक पार्टियों से भी बदतर व्यवहार करके उनका उत्पीडऩ करने पर उतारू हो गई है, जिसका उन्हें आने वाले समय में भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा।

आरक्षण की सुविधा अधिकतर क्रीमी लेयर से ऊपर उठे हुए लोगों को पीढ़ी दर पीढ़ी दी जा रही

उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के सभी संगठन पिछले काफी समय से जातिगत आरक्षण को समाप्त करके इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करने का आग्रह करते रहे हैं। मगर केंद्र सरकार इसके ऊपर कोई न्याय संगत निर्णय लेने के बजाय इस जातिगत आरक्षण को आगे से आगे बढ़ाने पर अमादा है। के.एस. जंवाल ने कहा कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने एक निर्देश में आरक्षण द्वारा लाभ लेने पर क्रीमी लेयर को बाहर करने के निर्देश को भी केंद्र सरकार ने फिर से पुनर्विचार याचिका दायर कर चुनौती दे दी है। जिसके कारण इन जातियों के जरूरतमंद परिवारों को फिर से वंचित रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनका किसी जाति विशेष से कोई टकराव नहीं है मगर जिस तरीके इन जातियों के ही वंचित परिवारों की अनदेखी करके आरक्षण की सुविधा अधिकतर क्रीमी लेयर से ऊपर उठे हुए लोगों को पीढ़ी दर पीढ़ी दी जा रही है।

आरक्षण व्यवस्था को समाप्त कर इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करवाएं

उसके कारण ही उनमें आक्रोश है। बैठक में सर्वसम्मति से मांग की गई कि सामान्य वर्ग के सभी चुने हुए सांसद व मंत्री गण आगे आएं और इस अलोकतांत्रिक जातिगत आरक्षण व्यवस्था को समाप्त कर इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करवाएं। उन्होंने कहा कि दूसरे बड़े राज्यों के सामान्य वर्ग के संगठन से साथ मिलकर इस संघर्ष को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए हमारी भागीदारी सुनिश्चित कर दी गई है। उन्होंने केंद्र सरकार को इस पर पुनर्विचार और आरक्षण रूपी नासूर को आगे संक्रमित होने से बचाने की कोशिश करने की अपील की है।

मंच वर्तमान मंत्रियों, एमएलए और सांसदों का घेराव करेगा

के.एस. जंवाल ने कहा कि संयुक्त मंच इस निर्णय के खिलाफ वर्तमान मंत्रियों, एमएलए और सांसदों का घेराव करेगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के विरोध में इसी माह शिमला में एक राज्यस्तरीय रैली का आयोजन भी किया जाएगा। के.एस. जंवाल ने कहा कि मंच शीघ्र ही प्रदेश के राज्यपाल व राष्ट्रपति को इस पर विस्तृत ज्ञापन सौंपकर कर समय रहते हस्तक्षेप करने की मांग करेगा। इससे बाहुल्य सामान्य वर्ग समाज को न्याय मिल सके और आने वाले समय में किसी गंभीर जातिगत वैमनस्य वह क्रांतिकारी टकराव से बचा जा सके।

Kuldeep