खराब रिजल्ट को लेकर HPU में छात्र संगठनों ने बोला हल्ला, QRT ने संभाला मोर्चा

Friday, Nov 25, 2022 - 06:35 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): अंडर ग्रैजुएट के फर्स्ट ईयर के खराब परीक्षा परिणामों को लेकर दूसरे दिन भी यानि शुक्रवार को भी प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने हल्ला बोला और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उग्र माहौल को देख पुलिस के साथ प्रशासन को क्यूआरटी को भी बुलाना पड़ा। इस बीच छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया, जिससे विश्वविद्यालय में माहौल तनावपूर्ण रहा। कई घंटों तक विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन किया। कुलपति कार्यालय के बाहर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच पुलिस और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान छात्रों ने प्रशासन से दोबारा पेपर चैकिंग की मांग की। संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रशासन को चेताया कि छात्रों के भविष्य से इस तरह का खिलवाड़ सहन नहीं होगा। 

उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा हाे पुनर्मुल्यांकन
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के राज्य महासचिव यासीन बट्ट ने कहा कि हर बार विश्वविद्यालय प्रशासन अंतिम समय में परीक्षा परिणाम निकाल देता है और आधे से ज्यादा छात्रों को बीच मे लटका देता है। उन्होंने कहा कि इतना कम प्रतिशत परिणाम रहना विश्वविद्यालय की साख पर भी चोट है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने मामले में प्रति-कुलपति से मुलाकात की और उन्हें त्रुटियों से अवगत करवाया। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा पुनर्मुल्यांकन करने व इसका  परिणाम तुरंत प्रभाव से घोषित करने की मांग की। इसके साथ ही पुनर्मुल्यांकन फीस मे भी छुट देने की मांग की गई। उक्त छात्र संगठन ने प्रशासन को परीक्षा परिणाम मे आई त्रुटियों को तुरंत प्रभाव से दूर करने की चेतावनी दी है, नही तो संगठन राज्यस्तरीय आंदोलन करेगी। 

खराब रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार
एसएफआई की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने खराब रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। एसएफआई कैंपस सह सचिव सनी सेक्टा ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर ईआरपी सिस्टम के चलते इस तरह का परीक्षा परिणाम सामने आया है,जिससे छात्रों को मानसिक दौर से गुजरना पड़ रहा है। एसएफआई बड़े लंबे समय से इस ईआरपी सिस्टम को विश्वविद्यालय से निकालने की मांग कर रही है परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन इस ओर कोई सुध नहीं ली। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ईआरपी सिस्टम के माध्यम से एक प्राइवेट कंपनी को विश्वविद्यालय की एग्जामिनेशन ब्रांच को ठेके में दिया है। यह कंपनी छात्रों के पेपरों को ऑनलाइन स्क्रीनिंग के माध्यम से चैक करवाती है। इससे विश्वविद्यालय के सिक्रेसी पर भी सवाल खड़े उठते है। एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द छात्र मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया तो आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय प्रशासन का घेराव किया जाएगा। जिसका जिम्मेदार खुद विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।

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Content Writer

Vijay