शिमला में दिन-रात आफत बने आवारा कुत्ते, पैदल चल रहे मासूमों पर कर रहे हमला

Tuesday, Oct 01, 2019 - 04:52 PM (IST)

शिमला (राजेश): राजधानी शिमला व उपनगरों में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शहर का मालरोड देख लें या फिर मालरोड से सचिवालय जाने वाले रास्ते या फिर शहर के बाजार हर जगह आवारा कुत्तों के झुंड देखने को मिल रहे हैं। यही नहीं, शहर के उपनगरों जैसे टुटू, संजौली, न्यू शिमला, समरहिल, चक्कर व खलीनी सहित अन्य क्षेत्रों में भी आवारा कुत्तों का आतंक है लेकिन हैरानी की बात यह है कि न प्रशासन और न ही नगर निगम शिमला इन आवारा कुत्तों को लेकर कोई कदम उठा रहा है। शहर व शहर के उपनगरों में आवारा कुत्ते छोटे व स्कूली बच्चों के लिए खौफ बने हुए हैं क्योंकि यदि बच्चों को स्कूल से अकेले घर जाना हो तो ये कुत्ते अपना डर बनाए हुए हैं। लोगों का कहना है कि यदि छोटे बच्चे अकेले जा रहे हों तो ये कुत्ते बच्चों पर भौंकना शुरू कर देते हैं जिससे बच्चे डर जाते हैं। अगर शहर के प्रशासनिक अधिकारियों को शहर का आईना दिखाएं तो शहर के मालरोड, रिज मैदान, हाईकोर्ट के समीप, लोअर बाजार व सिटी चौक में कुत्तों के झुंड सड़कों पर देखे जा सकते हैं।

टुटू में रात को आफत बने कुत्ते

उपनगर टुटू में रात के समय आवारा कुत्ते मुसीबत बन गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन को तो कुत्ते परेशानी बने हुए हैं लेकिन रात को यदि टुटू से आसपास के क्षेत्रों को पैदल जाना हो तो ये राह चलते लोगों पर हमला कर देते हैं और रास्ते से गुजरने नहीं देते हैं। लोगों ने नगर निगम शिमला व प्रशासन से कुत्तों को उठाने का मांग की ताकि वे रात हो या दिन बेखौफ चल सकें।

हर माह आ रहे डॉग बाइट के मामले

शहर में बंदरों सहित डॉग बाइट के मामले हर माह अस्पतालों में आते हैं। आंकड़ों के अनुसार एक सप्ताह में 4 से 5 मामले डॉग बाइट के होते हैं। ये मामले आवारा कुत्तों के अधिक होते हैं, वहीं कुत्तों के काटने के बड़े मामले भी शहर में सामने आए हैं जिनमें लोगों को आवारा कुत्तों ने गंभीर रूप से घायल कर अस्पताल पहुंचाया है।

 

kirti