हैल्थ टूरिज्म की ओर बढ़ेगा प्रदेश, एडवैंचर स्पोर्ट्स बढ़ाएंगे रोमांच

Monday, Feb 17, 2020 - 01:38 PM (IST)

शिमला(अनिल हैडली): सूबे में हैल्थ और एडवैंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने कमर कस ली है। ऐसी कई योजनाओं पर काम चल रहा है जिनसे सूबे में आने वाले पर्यटकों को एक नई अनुभूति और आनंद का एहसास होगा। पंजाब केसरी से खास बातचीत में पर्यटन निगम के निदेशक यूनुस ने कहा कि प्रदेश में गोवा और केरल की तर्ज पर हैल्थ टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटन विभाग धर्मशाला में एशियन डिवैल्पमैंट बैंक की मदद से बड़ा हैल्थ रिजॉर्ट खोलने जा रहा है। रिजॉर्ट के निर्माण के लिए जमीन का चयन कर लिया गया है। इसके अलावा सूबे में पर्यटकों को आर्कषित करने के लिए मैडिटेशन सैंटर भी खोले जाएंगे। यूनिस ने कहा कि नई पर्यटन नीति के तहत सूबे में एडवैंचर स्पोर्ट्स को बढ़ाया दिया जाएगा। इसके लिए एडवैंचर स्पोर्ट्स रूल को और अधिक उदार बनाया जा रहा है। रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइङ्क्षडग को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। शिमला शहर से करीब 15 किलोमीटर दूरी पर जुन्गा में नई पैराग्लाइडिंग साइट विकसित की जा रही है। शिमला, मनाली, मैक्लोडगंज, डल्हौजी जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों में हर साल लाखों सैलानी आते हैं। विभाग की नजर अब सूबे के दूरदराज के ऐसे इलाकों पर है जहां के कुदरती नजारे देखकर पर्यटक बार-बार हिमाचल आने को आतुर होंगे।

वाटर स्पोर्ट्स के लिए तैयार होगा तत्तापानी
पर्यटन निगम के निदेशक यूनुस कहते हैं कि सूबे के पुराने पर्यटन स्थलों का भ्रमण करते आ रहे पर्यटक अब नए रोमांच की तलाश में हैं। पर्यटकों की इस मन:स्थिति को भांपकर पर्यटन विभाग अभी तक नजरों से दूर पर्यटन गंतव्यों को नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत संवारेगा। इस योजना पर करीब 50 करोड़ रुपए खर्च कर पहले चरण में जिला मंडी के जंजैहली, शिमला जिला के चांशल और जिला कांगड़ा के बीड़-बिङ्क्षलग में पर्यटन अधोसंरचना विकसित की जाएगी। मंडी के लारजी व कांगड़ा के पौंग क्षेत्र मे वाटर स्पोटर््स का आगाज किया जाएगा। शिमला से 45 किलोमीटर दूर तत्तापानी को हॉट स्प्रिंग वॉटर व वॉटर स्पोर्ट्स के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा पर्यटकों को सूबे के जनजातीय इलाकों की सैर करवा कर पहाड़ी संस्कृति से रू-ब-रू करवाया जाएगा।

रोप-वे से जुड़ेंगे पर्यटन व धार्मिक स्थल
यूनुस ने बताया कि नई पर्यटन नीति में पर्यटन व धार्मिक स्थलों को रोप-वे से जोडऩे की योजना पर तीव्रता से काम चल रहा है। धर्मशाला से मैक्लोडगंज तक बन रहे रोप-वे का काम इस साल पूरा हो जाएगा। जिला बिलासपुर में श्री आनंदपुर-श्री नयनादेवी, कांगड़ा में चामुंडा मंदिर से आदि हिमानी चामुंडा, जिला कुल्लू में पलचान-रोहतांग और बिजली महादेव, जिला मंडी में माता शिकारी देवी, हमीरपुर में शाहतलाई से दियोटसिद्ध तथा जिला शिमला में टुटीकंडी से जाखू व संकट मोचन से तारादेवी मंदिर की चोटी को रोप-वे से जोड़ा जाएगा। शिमला के नारकंडा-हाटू तक भी रोप-वे बनाया जाएगा। नए रोप-वे बनने से पर्यटकों को आकॢषत करने के साथ सड़कों पर यातायात दबाव कम किया जा सकेगा।

राजमार्गों के किनारे बनेेंगे एनिमिटी सैंटर 
यूनुस ने कहा कि प्रदेश में बनने वाले नए राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे नैशनल हाईवे अथॉरिटी की मदद से साइड एनिमिटी सैंटर बनाए जाएंगे। इनकी सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। पहले चरण में परवाणु से सोलन, परवाणु से शिमला तथा कुल्लू-मनाली से बिलासपुर और धर्मशाला के लिए बन रहे राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्पॉट चयनित किए गए हैं। इनमें पर्यटकों की सुविधा के लिए शौचालय, पैट्रोल पंप व खान-पान के लिए रैस्टौरेंट खोले जाएंगे। एनिमिटी सैंटर की सुविधा से पर्यटक कई घंटों के सफर के बीच कुछ देर आराम कर सकेंगे।

स्वदेश दर्शन योजना शुरू 
प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए विभाग स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी देने वाले नए साइन बोर्ड स्थापित करेगा। यूनिस के अनुसार इस योजना को सिरमौर जिला से शुरू किया जा चुका है। अन्य जिलों में भी इस योजना को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।

बर्फबारी का बेधड़क मजा ले सकेंगे पर्यटक
युनूस के अनुसार प्रदेश में बर्फबारी के दौरान रोड बंद होने से पर्यटकों को आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए आधुनिक स्नो कटर मंगवाने की योजना है। स्नो कटर आने से बर्फबारी से बंद सड़कों को जल्द खोलने में आसानी होगी। इससे पर्यटक बर्फबारी का बेधड़क आनंद उठा सकेंगे। पर्यटन निदेशक ने कहा कि दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों में होटल, कैंपिंग  साइट या पर्यटन से जुड़ा अन्य प्राजैक्ट शुरू करने के लिए सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करेगी। उन्हें बिजली, पानी व रास्तों के निर्माण करने के लिए पूरी मदद की जाएगी। 

 

 

 

 


 

 

 

 

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