पर्यटन स्थलों और बस स्टैंड में अब जल्द दिखेंगे हिमाचली उत्पादों के स्टॉल

Thursday, Oct 17, 2019 - 03:39 PM (IST)

शिमला (योगराज) : प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों को मार्किट प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार पर्यटन स्थलों, बस स्टैंड और विभिन्न संस्थानों में अलग से स्टॉल लगाने के लिए जगह देने जा रहा है जिससे प्रदेश के किसानों और महिलाओं को गांवों में ही रोजगार मिल सके। महिलाएं देश की आर्थिकी में अपना अहम योगदान देती हैं लेकिन उसकी गिनती कंही भी नहीं होती है। यह बात ग्रामीण विकास एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शिमला में नाबार्ड द्वारा आयोजित किए जा रहे उड़ान मेले के शुभारंभ के मौके पर कही।

नाबार्ड 17 से 21 अक्टूबर तक शिमला में उड़ान मेला करवा रहा है जिसमें प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों सहित 10 राज्यों के उत्पाद लोगों के लिए प्रदर्शनी और बिक्री के लिए लगाए गए है। वीरेंद्र कंवर ने नाबार्ड के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस मेले से प्रदेश किसानों के उत्पादों को मार्केट मिलेगी।

नाबार्ड हिमाचल क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महा प्रबंधक निलय कपूर ने बताया कि मेले में हिमाचली उत्पादों के अलावा मेले में पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और उत्तराखंड के किसानों औऱ स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को भी बिक्री के लिए लगाया गया है। मेले का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देना है। 17 से 21 अक्टूबर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय मेले में प्रदेश के दुर्गम जिले चंबा के पांगी हिल्स ले उत्पाद भी लगाए गए हैं।

इसके अलावा मेले में पहाड़ी मसाले, दालें,कुल्लु जिले के मशहूर उन्नी हैंडलूम उत्पादों जैसे कुल्लु शॉल, टोपी और जैकेट जिन्हें ग्रामीण महिलाएं हाथों से तैयार करती हैं को भी मेले में लगाया गया है। घर की सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाले उन्ना जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा तैयार किए फर्नीचर को भी प्रदर्शनी और बिक्री के लिए लगाया गया है।

Edited By

Simpy Khanna