Tribunal Court को बंद करने पर कर्मचारी महासंघ मुखर, जयराम सरकार को दी ये Warning

Saturday, Aug 24, 2019 - 05:11 PM (IST)

शिमला (योगराज): सरकार के प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले का कर्मचारी महासंघ ने विरोध किया है।  शिमला में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने कहा कि कोर्ट को बंद करना कर्मचारियों के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार से पहले भी भाजपा की धूमल सरकार के समय भी ट्रिब्यूनल को बंद किया गया था, जिसके खिलाफ कर्मचारियों में खासा गुस्सा था और नतीजन धूमल सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था लेकिन अब जयराम सरकार ने भी कर्मचारी विरोधी निर्णय लिया है, जिसका खमियाजा उसे 2022 के विधानसभा चुनावों में भुगतान पड़ेगा।

तीसरा विकल्प मिला तो उसका साथ देने में गुरेज नहीं करेंगे कर्मचारी

उन्होंने कहा कि धूमल सरकार के ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले का उन्होंने विरोध किया था, जिसकी सजा के वे भी भुगतभोगी रहे हैं। सरकार ने उनका तबादला कर दिया था। उन्होंने कहा कि दोनों ही राजनीतिक दल कर्मचारियों के हित की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं अगर कोई तीसरा विकल्प भी कर्मचारियों को मिलता है तो वे उसका साथ देने में भी गुरेज नहीं करेंगे।

कर्मचारियों को हाईकोर्ट में जल्द नहीं मिलेगा न्याय

उन्होंने कर्मचारी नेता विनोद कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति ट्रिब्यूनल को बंद करने पर बार-बार बयान दे रहे हैं, जिनका कर्मचारी महासंघ में कोई अस्तित्व नहीं है और न ही कर्मचारियों के हितों के बारे में कोई जानकारी है। ट्रिब्यूनल के बंद होने से कर्मचारियों के मामले हाईकोर्ट में पहुंचेंगे, जहां पहले से ही बहुत ज्यादा मामले लंबित हैं, जिसके चलते कर्मचारियों को जल्द न्याय नहीं मिलेगा। इसलिए सरकार ट्रिब्यूनल कोर्ट को बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करके इसे बहाल करे और मंडी व धर्मशाला में ट्रिब्यूनल कोर्ट की स्थायी बैंच स्थापित करके कर्मचारियों को राहत देने का काम करे।

Vijay