बेटे की दोनों किडनियां फेल, इलाज के खर्च ने बढ़ाई गरीब मां की मुश्किलें

Thursday, Jun 13, 2019 - 12:28 PM (IST)

शिमला (जस्टा): मां ने अपने बेटे का पालन-पोषण कर बड़ा तो कर दिया, लेकिन जब मां को उम्मीद जगी थी कि बेटा अब नौकरी करेगा और कुछ पैसा कमाएगा और मां की सहायता करेगा, उतने में मां का दुख इतना बढ़ गया कि बेटे की जान बचानी मुश्किल हो गई। इस तरह का मामला शिमला में सामने आया है। जिला चम्बा तहसील भरमौर गांव संचूई के रहने वाली पीड़िता कमलेश कुमारी ने अपना दुख बताते हुए कहा कि उनका 26 साल का बेटा विनोद किडनी की बीमारी से परेशान है। उसकी दोनों किडनियां फेल हो गई हैं। विनोद ने बी.ए. की हुई है, लेकिन अब किडनी की बीमारी से परेशान है। युवक की मां कमलेश कुमारी ने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट को कहा है, लेकिन उनके पास न तो पैसे हैं और न किडनी का कोई इंतजाम कर पा रहे हैं। ऐसे में राजधानी शिमला में कमलेश अपने बेटे का इलाज करवाने के लिए दर-दर भटक रही है। 

कमलेश का कहना है कि वे गरीब परिवार से संबंध रखते हैं, ऐसे में इलाज के लिए उन्हें लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। युवक का पहले इलाज चंडीगढ़ में करवाया, लेकिन चंडीगढ़ का खर्चा पूरा न होने के चलते वे शिमला के आई.जी.एम.सी. में इलाज करवा रहे हैं। कमलेश का कहना है कि वह आई.जी.एम.सी. में ही किडनी ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं। हालांकि अभी आई.जी.एम.सी. में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू नहीं हुआ है, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें कहा है कि जब तक डोनर तैयार होता है, तब तक आई.जी.एम.सी. में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो जाएगी। पैसे न होने से उन्हें काफी दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार और लोगों से मदद की गुहार लगाई है।

हफ्ते में 2 बार होता है डायलिसिस

युवक का हफ्ते में दो बार डायलिसिस होता है। एक डायलिसिस करवाने के लिए उन्हें 1500 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। हजारों रुपए तो उन्हें डायलिसिस करवाने में ही खर्च करने पड़ रहे हैं। युवक के पहले चंडीगढ़ में डायलिसिस हुए हैं उसके बाद शिमला तो अब चम्बा में ही डायलिसिस करवाए जाएंगे। डायलिसिस के साथ-साथ युवक को इंजैक्शन भी लगता है, जोकि बहुत महंगा होता है। मां कमलेश का कहना है कि वह डोनर को तैयार कर रही है। अगर डोनर तैयार भी हो जाता है तो भी उनके पास ऑप्रेशन करवाने के लिए पैसे नहीं हैं।

Ekta