कहीं देवरानी-जेठानी तो कहीं चाचा-भतीजा है आमने-सामने

Monday, Jan 04, 2021 - 12:06 PM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान कई मजेदार वाकिए सामने आ रहे हैं। चुनावों को लेकर जहां उम्मीदवार अपनी कमर कसे हुए हैं वहीं यह भी देखने में आ रहे है कि आपस में रिश्तों में बंधे लोग भी चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। प्रदेश के सोलन जिले के रामशहर पंचायत में इस बार प्रधान पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है। इस कारण यहां मुकाबला रोचक हो गया है। प्रधान पद के लिए लड़ाई एक ही परिवार में देवरानी और जेठानी के बीच है। यहां पूर्व में प्रधान रह महिला का सामना अपनी जेठानी से है। रामशहर पंचायत में कुल 2069 मतदाता हैं। पूरी पंचायत में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 216 है। यह कुल आबादी के 5 फीसदी से ज्यादा है। इस कारण बारी के हिसाब से अब यहां अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित किया गया है। 31 दिसंबर को नामांकन के पहले दिन दोनों दावेदारों ने नामांकन भर दिए थे। इनके अतिरिक्त किसी ने भी नामांकन नहीं भरा है। 

लोगों का कहना है कि जब एक ही परिवार में मुकाबला है तो क्यों न सहमति से ही फैसला कर लिया जाए। अभी छह तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। उधर, उपप्रधान पद के प्रत्याशी कुलभूषण शर्मा का भी कहना है कि अगर प्रधान पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति होती है तो वे भी अपना नाम वापस लेने को तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर उपमंडल बड़सर की मक्कड़ पंचायत में एक ही परिवार के दो सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं। भतीजे वीरवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था, जबकि चाचा ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। चाचा का कहना है कि समाजसेवा का जज्बा लेकर ही वे चुनाव मैदान में उतरे हैं। भतीजे का कहना है कि पंचायतों में पढ़े लिखे और युवा नुमाइंदों की दरकार है। इसलिए वे पंचायत प्रधान का चुनाव लड़ रहे हैं। चाचा भतीजा के एक साथ चुनाव लड़ने की चर्चा चारों ओर है।
 

prashant sharma