Kangra: सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पार्क में महज 22 रुपए प्रति वर्ग फुट में मिलेगा स्पेस : गोकुल बुटेल
punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 10:13 PM (IST)
धर्मशाला (सौरभ/जिनेश): जिला कांगड़ा में धर्मशाला से सटे चैतड़ू में प्रदेश के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पार्क का निर्माण पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नवम्बर में इसका शुभारंभ करेंगे, जिसकी तारीख जल्द तय होगी। यह बात मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी) गोकुल बुटेल ने मंगलवार को पार्क के निरीक्षण के बाद होटल धौलाधार धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि इस सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पार्क में महज 22 रुपए प्रति वर्ग फुट दर पर आईटी स्टार्टअप कंपनियों व इस फील्ड के युवाओं को रॉ इन्क्यूबेशन स्पेस दिया जाएगा जोकि अन्य राज्यों में बने ऐसे पार्क के मुकाबले कम है। महज 2820 रुपए शुरूआती शुल्क पर इनक्यूबेशन स्पेस की एक सीट मिलेगी, जिसमें बिजली, पावर बैकअप व 12 घंटे के लिए इंटरनैट बैंडविड्थ की सुविधा होगी। कई अन्य विकल्प भी उपलब्ध होंगे। यहां पहले आओ पहले पाओ आधार पर प्लॉट मिलेंगे। साॅफ्टवेयर टैक्नोलाॅजी पार्क्स ऑफ इंडिया का दूसरा इन्क्यूबेशन सैंटर शिमला के मेहली में बन रहा है। कांगड़ा में हिमाचल के सबसे बड़ा आईटी इन्क्यूबेशन सैंटर के रूप में विकसित किया गया है। बुटेल ने कहा कि इस इन्क्यूबेशन सैंटर में स्पेस लेने के लिए राज्य सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की वैबसाइट में लिंक उपलब्ध करवा दिया गया है।

इन सुविधाओं से लैस है पार्क
गाेकुल बुटेल ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पार्क गग्गल एयरपोर्ट के समीप 18.29 करोड़ रुपए की लागत से 35602 वर्ग फुट इलाके में विकसित किया गया है। यहां आईटी साॅफ्टवेयर डिवैल्पमैंट, स्टार्टअप इनोवेशन और डिजिटल सेवाओं को नई दिशा मिलेगी। यहां बना इन्क्यूबेशन सैंटर अत्याधुनिक आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस है। इसमें प्लग एंड प्ले इन्क्यूबेशन स्पेस की 106 सीटें और 4 प्रबंधकीय कैबिन, इन्क्यूबेशन एरिया, ऑडिटोरियम की 40 सीट क्षमता, कांफ्रैंस रूम एवं मीटिंग हाॅल, एसटीपीआई कार्यालय, नैटवर्क ऑप्रेशन सैंटर, अतिथि कक्ष, रिसैप्शन, रिकाॅर्ड रूम जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
350 से 400 युवाओं को मिलेगा रोजगार
यह केंद्र लगभग 15 से 20 नए उद्यमियों को तकनीकी सहयोग और 350 से 400 युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगा। इसमें सभी सिविल कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शिमला और कांगड़ा के इन दोनों केंद्रों के संचालन से हिमाचल प्रदेश जल्द ही उत्तर भारत के उभरते हुए आईटी हब के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।
स्व. वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में शुरू हुआ था काम
गोकुल बुटेल ने निरीक्षण के दौरान कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की सरकार में इस पार्क का कार्य शुरू हुआ था। भाजपा राज में इसका काम अधूरा रहा। 2022 में कांग्रेस सरकार बनते ही हमारी पहली मंशा यह थी कि इसका काम जल्द पूरा किया जाए, ताकि जो हिमाचल के युवा दिल्ली, गुड़गांव तथा बेंगलुरु में आईटी इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं, उन्हें अपने प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध हो सकें। एयरपोर्ट के पास होने के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। इस आईटी पार्क को सड़क मार्ग से जोड़ने वाले मांझी पुल का कार्य युद्धस्तर पर चला हुआ है तथा अगले महीने पार्क का उद्घाटन किया जाएगा।

