हिमाचल में एस.एम.सी. शिक्षकों की भर्ती पर लगी ब्रेक, जानिए क्यों

Thursday, Aug 08, 2019 - 11:34 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एस.एम.सी. शिक्षकों की भर्ती पर फिलहाल ब्रेक लग गई है। सरकार की ओर से हाईकोर्ट को दिए गए आश्वासन में कहा गया कि कोर्ट के आगामी आदेशों तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में किसी भी नए एस.एम.सी. अध्यापक की नियुक्ति अथवा चयन नहीं किया जाएगा। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने एस.एम.सी. नीति के तहत शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि 3 सप्ताह के भीतर प्रदेश में एस.एम.सी. नीति के तहत अभी तक लगाए गए अध्यापकों का पूरा ब्यौरा कोर्ट के समक्ष रखे।

कोर्ट ने शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या व उन्हें आर. एंड पी. नियमों के तहत भरने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने कहा कि स्टॉप गैप अरेंजमैंट के नाम पर की जा रही एस.एम.सी. भॢतयां कतई प्रशंसनीय कदम नहीं है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान खेद प्रकट किया कि सरकार हर बार कोर्ट को नियमों के तहत शिक्षकों की भॢतयां करने का आश्वासन देती है परंतु इसके सार्थक परिणाम प्राप्त नहीं हो रहे हैं। कोर्ट ने पाया कि एस.एम.सी. भॢतयां न केवल सरकार के अपने निर्णयों के विरुद्ध है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ भी हैं।

प्रार्थी कुलदीप कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा की गई एस.एम.सी. शिक्षकों की भर्तियां गैर-कानूनी हैं। सरकार अभी फिर से स्टॉप गैप अरेंजमैंट के नाम पर एस.एम.सी. भर्तियां करने जा रही है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवहेलना है। प्राॢथयों की ओर से यह दलील दी गई है कि राज्य सरकार द्वारा लम्बे समय से एस.एम.सी. शिक्षकों की भर्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को दरकिनार कर हो रही हैं और सभी को समान अवसर जैसे मूलभूत अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। ये भर्तियां शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के भी विपरीत हैं।

प्रार्थियों ने हाल ही में जारी अधिसूचना को रद्द करने व भर्ती प्रक्रिया को अंजाम न देने की गुहार लगाई है। प्रार्थियों ने 17 जुलाई, 2012 को जारी एस.एम.सी. शिक्षक भर्ती नीति व इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के 16 अगस्त, 2014 के आदेशों के साथ-साथ समय-समय पर इस संदर्भ में जारी सरकारी आदेशों को निरस्त करने की मांग की है। मामले पर सुनवाई 5 सितम्बर को होगी।

Vijay