Himachal: शिमला के बाद अब मंडी, हमीरपुर व धर्मशाला जोन के उपभोक्ताओं काे मिलेगी सुविधा, घरों में लगेंगे स्मार्ट बिजली मीटर
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 08:44 PM (IST)
शिमला (राजेश): शिमला जोन के बाद अब प्रदेश भर में घर स्मार्ट मीटर से जुड़ेंगे और पुराने मीटरों को नए स्मार्ट मीटरों में बदला जाएगा। भविष्य में इन्ही मीटरों पर बिजली उपभोक्ताओं को प्रीपेड बिजली का विकल्प भी मिलेगा और जिस तरह उपभोक्ता अपना मोबाइल पहले रिचार्ज करते हैं और फिर सुविधा मिलती है। उसी तरह बिजली मीटर का भी रिचार्ज हो सकेगा। केंद्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत प्रदेश में 29 लाख 18 हजार 432 मीटरों को बदला जाना है। इसमें अभी तक प्रदेश में 6 लाख 5 हजार 875 मीटर बिजली बोर्ड बदल चुका है। वहीं मंडी, हमीरपुर और धर्मशाला जोन में बिजली मीटरों को बदलने का प्रोसैस शुरू हो गया है। स्मार्ट मीटर मानव हस्तक्षेप के बिना बिल्कुल सही मीटर रीडिंग प्रदान करने का एक सशक्त साधन बनेगा, जिसमें गलती की सम्भावना लगभग असम्भव है। बोर्ड प्रबंधन का कहना है कि बिजली उपभोक्ताओं द्वारा यह माना जा रहा था कि कई बार कई कारणों से बिजली रीडिंग गलत आ जाती थी, जो अब स्मार्ट मीटर से संभव नहीं है। बोर्ड ने बिजली बिलों की रीडिंग बारे कई बार उपभोक्ताओं की भ्रांतियों के फलस्वरूप ही स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय उनके हित के अंतर्गत ही लिया है।
स्मार्ट मीटर में जान सकेंगे कब और किस समय कितनी बिजली हुई खर्च
बोर्ड ने दावा किया है कि यह स्मार्ट मीटर संचार और वितरण में होने वाली हानियों में कमी ला रहा है। इसमें वास्तविक समय की विद्युत मीटर रीडिंग मिल जाती है, जिससे उपभोक्ता उसी समय उसकी बिजली की खपत कितनी हो रही है यह भी जान सकता है। इसकी रीडिंग कभी भी देखी जा सकती है, जिससे रीडिंग में होने वाली गलतियों का तुरंत पता चल जाता है। इस प्रकार के स्मार्ट मीटर बिजली चोरी का पता भी स्वयं ही लगा रहे हैं, जिससे बिजली चोरी करने वालों का पता चल रहा है।
उपभोक्ताओं के लिए सुविधा प्रदान करेंगे नए स्मार्ट मीटर : अनुराग पराशर
बिजली बोर्ड के सलाहकार अनुराग पराशर ने बताया कि यह स्मार्ट मीटर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड की महत्वाकांक्षी योजना आरडीएसएस संशोधित वितरण क्षेत्र योजना के अन्तर्गत लगाए जा रहे हैं, जो प्रदेश में न केवल बिजली बिल की रीडिंग में आने वाली गलतियों को बिल्कुल खत्म करेंगे, बल्कि तकनीकी रूप से अधिक प्रभावी और आधुनिक होने से प्रदेश में विद्युत आपूर्ति और अधिक सशक्त बनाने में भी प्रमुख भूमिका निभाएंगे।

