छोटी काशी में शुरू हुआ 40वां श्रावण मास महोत्सव, रोज होगा भंडारों का आयोजन(video)

Tuesday, Jul 16, 2019 - 04:14 PM (IST)

मंडी(नीरज):  मंडी में इस बार भी श्रावण मास महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। मंगलवार को सक्रांत के दिन से छोटी काशी में ब्यास नदी के तट पर बने भगवान एकादश रूद्र मंदिर में 40वां श्रावण मास महोत्सव शुरू हो गया। इसका विधिवत शुभारंभ एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग ने मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना और जलाभिषेक के साथ किया। हिन्दू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यताएं हैं कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय मास है और वह इस दौरान अपने भक्तों की नाम मात्र की भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं व श्रद्धालुओं की मनोकामना को जल्द पूरा करते हैं। इसी कारण सावन मास में भगवान भोलेनाथ की भक्ति करने का विशेष फल उनके भक्तों को अवश्य मिलता है।

इस दौरान छोटी काशी के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है और भक्त विभिन्न प्रकार से भोलेनाथ की भक्ति करके उन्हे प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में पहुंचना शुरू हो जाते हैं और यह क्रम देर शाम तक जारी रहता है। एकादश रूद्र मंदिर के पुजारी स्वामी सत सुंदरम बताते हैं कि सावन का मास लोगों में एक नया उत्साह लेकर आता है और यह मास वर्ष में भोलेनाथ का सबसे प्रिय भी माना गया है। स्वामी बताते हैं कि भगवान इतने भोले हैं कि वे मात्र जल चढाने से ही श्रद्धालुओं की मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं। वहीं श्रद्धालुओं भी इस दौरान भोलेनाथ को बेल पत्र, पुष्प, दु्रवा, दूध, माखन व जल आदि चढ़ाते हैं व बाबा को प्रसन्न करने का पूरा प्रयास श्रावण मास में करते हैं।

बता दें कि छोटी काशी में एकादश रूद्र मंदिर में हर वर्ष श्रावण मास महोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान विशेष तौर पर मंदिर मे पूरा एक महीना अउम नमः शिवाय का अखंड जाप दिन रात होता है जिसमें श्रद्धालु कुछ समय के बाद बदलते रहते हैं। मंदिर में इस दौरान रोज विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिसमें हजारों लोग भगवान भोलेनाथ के प्रसाद को ग्रहण करते हैं। इसके साथ ही यहां पर सोमवार के दिन खीर का लंगर भी लगाया जाता है। ज्योतिष विज्ञान के ज्ञाताओं का मानना है कि गुरू पूर्णिमा और सावन की सक्रांत एक ही दिन होने से लोगों को शुभाशुभ फल मिलने की ज्यादा संभावना रहती है और ऐसा संयोग कभी-कभी ही देखने को मिलता है।



 

kirti