शिमला व्यापार मंडल नगर निगम का बड़ा डिफाल्टर, सालों से नहीं दिया किराया

Tuesday, Oct 09, 2018 - 04:54 PM (IST)

शिमला (वंदना): शिमला व्यापार मंडल नगर निगम शिमला की डिफाल्टरों की लिस्ट में शामिल हो गया है। सालों से व्यापार मंडल ने नगर निगम की दुकानों स्टालों का किराया नहीं चुकाया है जिससे अब यह राशि 3 लाख रुपए से अधिक हो गई है। एम.सी ने बकायदा नोटिस जारी कर भुगतान राशि जमा करवाने के आदेश दिए है लेकिन अभी तक व्यापार मंडल की ओर से निगम की 3 लाख रुपए की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में नगर निगम शिमला व्यापार मंडल पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा हैं।

लोअर बाजार में एम.सी का काम्पलैक्स है जिसे शिमला व्यापार मंडल को आंबटित किया गया है लेकिन सालों से व्यापार मंडल ने इसका किराया निगम को नहीं चुकाया है। खास बात यह भी है कि नगर निगम प्रशासन द्वारा अपनी संपतियों दुकानों, स्टालों सहित जमीन की लीज मनी का किराया बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें 9 पार्षदों सहित निगम अधिकारी कमेटी के सदस्य हैं। कमेटी ने किराया बढ़ौतरी को लेकर रिपोर्ट तैयार कर आयुक्त को सौंप दी हैं। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें किराया एरिया बेसड के हिसाब से बढ़ाया जाएगा, जिसका शिमला व्यापार मंडल विरोध कर रहा है।

हैरानी इस बात की है जो पार्षद कमेटी के सदस्य हैं, उनमें से दो पार्षद शिमला व्यापार मंडल के पदाधिकारी भी है। ऐसे में एक ओर तो कमेटी किराया बढ़ाने के प्रस्ताव को कमेटी ने मंजूरी दे दी हैं तो वहीं दूसरी ओर शिमला व्यापार मंडल एरिया आधार पर किराए बढ़ौतरी के निर्णय का विरोध कर रही है। वहीं निगम प्रशासन जल्द ही अपनी आय के संसाधनों को मजबूत करने के लिए दुकानों का किराया बढ़ौतरी को लेकर स्पैशल हाऊस आयोजित करेगा। प्रशासन 11 अक्तूबर को हाऊस बुलाने पर विचार कर रहा है। सदन की मंजूरी मिलने के बाद ही शहर में नगर निगम की दुकानों के किराए में वृद्वि हो सकेगी। 

किराया नहीं चुकाने पर लगेगी पैनल्टी, निगम करेगा बेदखल 
कमेटी की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें पट्टाधारकों द्वारा समय पर किराए का भुगतान नहीं करने पर पट्टाधारक के खिलाफ जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा लीज रूल्ज 2001 नियम 13 के तहत 30 दिन का नोटिस देकर नगर निगम कब्जाधारी के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई भी कर सकता हैं। प्रशासन का तर्क है कि समिति की बैठक में यह भी चर्चा की गई है कि शहर में पट़्टराधारकों ने नगर निगम की दुकानों व स्टालों को आगे किसी अन्य को सबलैट किया गया है जिससे पट्टाधारकों मोटी कीमत वसूल कर रहे हैं। इससे निगम को वित्तिय नुकसान उठाना पड़ रहा है। बैठक में यह भी चर्चा की गई थी नगर निगम की दुकानों का पट्टाधारकों द्वारा वास्तविक क्षेत्र को बढ़ा लिया गया है जबकि एम.सी को आंबटित क्षेत्र का किराया मिल रहा है। ऐसे में नगर निगम ने दुकानों के क्षेत्र के आधार पर ही किराए में बढ़ौतरी करने का प्रस्ताव तैयार किया है।  

मौजूदा समय में 1 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से निगम ले रहा किराया
निगम मौजूदा समय में गंज बाजार, सब्जी मंडल, लोअर बाजार की दुकानों, स्टालों से 1 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से भी दुकानों का किराया वसूल कर रहा है जबकि कई जगहों पर 30 पैसे से लेकर 60 पैसे प्रति वर्ग फीट के मुताबिक भी किराया वसूल किया जा रहा है। लेकिन पट्टाधारकों द्वारा नगर निगम द्वारा आंबटित दुकानों में अतिक्रमण कर एरिया बढ़ा दिया गया है। अब जो मसौदा तैयार किया गया है उसमें गंज बाजार में दुकानों का किराया 20 रुपए प्रति वर्ग फीट तथा गोदामों, वर्कशाप इत्यादि को 10 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से वसूला जाएगा। 

व्यापार मंडल जल्द चुकता करेगा लंबित राशि: इंद्रजीत
शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह का कहना है कि नगर निगम को सालों से किराया नहीं दिया गया है। निगम की ओर से लंबित राशि का भुगतान करने को लेकर नोटिस भी दिया गया हैं। शिमला व्यापार मंडल जल्द ही सभी मंडल के सदस्यों से कलैक्शन कर निगम की लंबित पड़ी राशि का भुगतान कर देगा। 

Ekta