Shimla: प्रदेश सरकार ने तलाशा 300 करोड़ कर्ज लेने का विकल्प, 19 नवम्बर को होगी नीलामी
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 10:23 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश सरकार ने 300 करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए विकल्प तलाश लिया है। इसके तहत 15 वर्ष की अवधि के लिए ऋण को उठाया जाएगा, जिसके लिए नीलामी प्रक्रिया 19 नवम्बर को पूरी की जाएगी। इसी दिन यह राशि सरकारी कोष में जमा हो जाएगी, जिसे राज्य सरकार को 19 नवम्बर, 2040 तक लौटाना होगा।
मौजूदा समय में कर्ज लेने की सीमा नहीं बढ़ाए जाने से राज्य सरकार को परेशानी आ रही है। हालांकि 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में हालात के सामान्य होने की संभावना है। इस तरह 300 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के बाद हिमाचल प्रदेश पर करीब 1,02,075 करोड़ रुपए कर्ज चढ़ जाएगा। प्रदेश के ऊपर बढ़ता कर्ज का यह बोझ भविष्य के लिए सुखद संकेत नहीं है।
हालांकि प्रतिकूल हालात के बीच राज्य सरकार ने दीवाली पर कर्मचारी और पैंशनरों को 3 फीसदी डी.ए. की किस्त जारी की। इस समय सरकार को प्रति माह करीब 2,800 करोड़ रुपए की प्रतिबद्ध देनदारियां निपटानी होती हैं। इसमें वेतन के लिए 2,000 करोड़ रुपए, पैंशन के लिए 800 करोड़ रुपए, पहले लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी के लिए 500 करोड़ रुपए और कुल कर्ज का मूलधन चुकाने के लिए 300 करोड़ रुपए की आवश्यकता रहती है।
जीपीएफ ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं, 7.1 फीसदी पर स्थिर
जनरल प्रोविडैंट फंड (जीपीएफ) ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके तहत जीपीएफ ब्याज दर 7.1 फीसदी पर स्थिर है। इस तरह से कोरोना काल से लेकर अब तक कर्मचारियों को जीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरों में कोई बढ़ौतरी नहीं हो पाई है। यानी अब वित्त वर्ष 2025-26 में 1 अक्तूबर, 2025 से 31 दिसम्बर, 2025 तक जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा।
ब्याज दरों में बढ़ौतरी नहीं होने से कर्मचारियों को फिर से निराशा हाथ लगी है। इससे पहले 1 अक्तूबर से दिसम्बर, 2019 और 1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 के मध्य ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। इसके बाद कोरोना काल में ब्याज दर में 0.8 फीसदी की कटौती हुई। इससे पहले अप्रैल से जून, 2019 तक ब्याज दर 8.0 फीसदी तथा अप्रैल, 2017 से 30 जून, 2017 की अवधि में भी 7.9 फीसदी ब्याज दर निर्धारित की गई थी।

