ईज ऑफ लिविंग इंडैक्स : छोटे शहरों में शिमला देशभर में प्रथम, धर्मशाला काे मिला 37वां स्थान

Thursday, Mar 04, 2021 - 09:07 PM (IST)

शिमला/धर्मशाला (योगराज/तनुज): स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत ईज ऑफ लिविंग (जीवन जीने की सुगमता) के सूचकांक में प्रदेश की राजधानी शिमला को 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में भारत में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। वहीं प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी का तमगा हासिल करने वाला धर्मशाला शहर 37वें पायदान पर है। वीरवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देश के 111 शहरों में हुए सर्वे के उपरांत इनकी रैंकिंग जारी की। इस बार शहरों में ईज ऑफ लिविंग के अलावा नगर निगमों की कार्यप्रणाली को लेकर भी सर्वे किया गया था। भारत सरकार की ओर से ईज ऑफ लिविंग सूचकांक में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में बेंगलुरु को प्रथम स्थान मिला। वहीं 10 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में प्रदेश का शिमला पहले स्थान पर है।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि यह सर्वे 1 फरवरी से आरम्भ हुआ जो एक माह तक चला। 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला प्रथम स्थान पर रहा है। इसमें शहर के लोगों से यहां के व्यवस्थाओं की जानकारी ली गई। स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य जीवनयापन की सुविधाओं में शिमला रहने के लिए बेहतरीन आंका गया है। भारद्वाज ने कहा कि पहला स्थान प्राप्त करने के बाद इस पर बने रहना आवश्यक है।

वहीं धर्मशाला स्मार्ट सिटी के एमडी-कम-सीईओ प्रदीप ठाकुर भी कार्यक्रम में वर्चुअली तौर पर जुड़े। उन्होंंने कहा कि इस सर्वे में शहरों की क्वालिटी ऑफ  लाइफ, आर्थिक गतिविधि, आम लोगों की राय और अन्य पैमानों के बारे में पूछा जाता है। भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरों, म्युनिसिपल कार्पोरेशन में साफ-सफाई, ईज ऑफ लिविंग समेत कई अन्य मसलों को लेकर रैंकिंग जारी की जाती है। उन्होंने बताया कि धर्मशाला नगर निगम हाल ही में बना है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों को मर्ज किया गया है। ऐसे में अभी यहां पर लोगों की मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना ही चुनौती है। बावजूद इसके देश के अन्य राज्यों के शहरों के मुकाबले धर्मशाला में अच्छा काम हुआ है। ईज ऑफ लिविंग इंडैक्स में 37वां स्थान प्राप्त किया है जबकि म्युनिसिपल परफॉर्मैंस इंडैक्स में धर्मशाला का 16वां स्थान है।

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Vijay