फोन टैपिंग के फर्जी मामले में 3 अधिकारियों से पूछताछ

punjabkesari.in Monday, Jul 20, 2020 - 09:36 PM (IST)

शिमला (राक्टा): फोन टैपिंग के बहुचर्चित फर्जी मामले की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सोमवार को 3 अधिकारियों से सीआईडी ने भराड़ी स्थित थाने में गहन पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। सूचना के अनुसार डिप्टी डायरैक्टर एफएसएल धर्मशाला, साइंटिफिक ऑफिसर एफएसएल जुन्गा और सीआईडी तकनीकी सैल के एक तत्कालीन अधिकारी से जांच टीम ने यह पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि सीआईडी ने अधिकारियों से फोन टैपिंग से संबंधित रिकॉर्ड को कब्जे में लेने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में पूछा। अधिकारियों से पूछा गया कि सीआईडी के टैक्नीकल सैल से रिकॉर्ड लेने के लिए क्या पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया था कि नहीं। गौरतलब है कि आईडी भंडारी ने आरोप लगाया था कि तकनीकी सैल से रिकॉर्ड लेने के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसी आधार पर अब सीआईडी इस पहलू की जांच कर रही है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने उक्त अधिकारियों से पूछताछ किए जाने की पुष्टि की है।

जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया गया
सूत्रों के अनुसार कुछ अन्यों चेहरों को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है। हाल ही में फोन टैपिंग के बहुचर्चित फर्जी मामले की जांच डीजीपी ने सीआईडी को सौंपी थी। इसके तहत मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया गया है। पूर्व पुलिस महानिदेशक आईडी भंडारी की शिकायत पर पहले इस मामले की जांच छोटा शिमला थाना पुलिस कर रही थी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस मामले की कैंसलेशन रिपोर्ट तैयार कर दी, लेकिन इसी बीच मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई। मामले की जांच को लेकर डीआईजी क्राइम बिमल गुप्ता की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है जबकि एसपी क्राइम रमन मीणा और एसपी सीआईडी वीरेंद्र कालिया को सदस्य के रूप में इसमें शामिल किया गया है।

क्या है मामला
वर्ष 2017 में पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने शिमला पुलिस से उन्हें फोन टैपिंग के झूठे केस में फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ  केस दर्ज करने का आग्रह किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बाद में कोर्ट के आदेशों पर छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें कई पूर्व सेवारत अधिकारियों को नामजद किया गया। भंडारी ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने बिना नियमों का पालन किए तकनीकी सैल के कम्प्यूटरों को सील किया और रिकॉर्ड को कब्जे में लिया था। इसके साथ ही कुछ अन्य आरोप भी लगाए गए थे।


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Kuldeep

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