हिमाचल में शोध के लिए आए आई.आई.टी. खडग़पुर के शोधार्थी

Monday, Feb 13, 2023 - 06:31 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): भूकंप को लेकर अध्ययन करने के लिए आई.आई.टी. खडग़पुर की शोधार्थियों की एक टीम शोध के लिए हिमाचल प्रदेश आई है। यहां पर वह राजधानी शिमला में भूकंपीय खतरा तथा असुरक्षा व जोखिम मूल्यांकन (सिस्मिक हेजेर्ड, वलनरेविलिटी एंड रिस्क असैसमैंट) को लेकर विस्तृत अध्ययन करेगी। पूरा अध्ययन करने के बाद यह टीम एक रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। हाल ही में तुर्की व सीरिया में हुई त्रासदी को देखते हुए यह रिसर्च अहम मानी जा रही है। शिमला में भूकंपीय खतरा तथा शहर में इससे असुरक्षा तथा जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए आई.आई.टी. खडग़पुर जियोलॉजी और जियोफि जिक्स विभाग के 2 वरिष्ठ शोधार्थी अमरेंदर प्रताप बिंद व ज्योथूला मदन और 2 कनिष्ठ शोधार्थी शुभम माजी और प्रीतम सिंह शिमला पहुंचे हैं। यह टीम शहर के 20 स्थानों पर सर्वे करेगी। सर्वे के दौरान यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि शिमला में भूकंप आने का खतरा कितना है तथा यदि रिक्टर पैमाने पर 5 या इससे ऊपर का भूकंप यहां आता है तो कितना नुक्सान होगा तथा इससे बचने के लिए यहां पर क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए टीम शिमला की भूमि व चट्टान का अध्ययन करेगी। साथ ही शहर की इमारतों, सड़कों व पुलों आदि का भी टीम सर्वे करेगी।

शिमला शहर आता है जोन 4 व 5 में
शिमला शहर का अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से जोन 4 व 5 में आता है। ऐसे में भूकंप की दृष्टि से शिमला शहर बहुत ही संवेदनशील है। कयास लगाए जाते रहे हैं कि यदि यहां कभी भूकंप आता है तो यहां पर जान व माल का भारी नुक्सान होगा, क्योंकि यहां पर अधिकांश भवन बिना किसी प्लाङ्क्षनग के बने हैं।

जिलाधीश को सौंपी जाएगी रिपोर्ट : प्रो. नाथ
आई.आई.टी. खडग़पुर के वरिष्ठ प्रो. एस.के. नाथ ने बताया कि शोधार्थियों की टीमें विभिन्न शहरों का अध्ययन कर रही हैं। इसी कड़ी में एक टीम शिमला रिसर्च करने गई है। उन्होंने कहा कि शिमला भी भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है। ऐसे में शोधार्थियों की टीम जो भी रिसर्च करेगी, उसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे संबंधित जिले के जिलाधीश को सौंपी जाएगी। इसमें नुक्सान का आकलन करने के साथ-साथ उसे कम करने या उससे बचने के लिए सुझाव भी दिए होंगे।

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Kuldeep