Himachal: बागवानी विभाग ने तैयार किए 8 नई सेब की किस्मों के पौधे

punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2024 - 06:02 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में बागवानी विभाग ने इस बार बागवानों के लिए 8 नई सेब की किस्मों के पौधे तैयार किए हैं। इसमें हैपके, एडम एप्पल, मेमा मास्टर, टेरेक्स गाला, फैनप्लस गाला, एजटैक फ्यूजी, चैलेंजर तथा गाला शनिगा शनिको शामिल हैं। यह विभाग की ओर से बागवानों को उचित दामों पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। बागवानी विभाग कुल मिलाकर इस बार 87 किस्मों के 6 लाख पौधे वितरित करेगा। इन पौधों को विभाग की नर्सरी मैनेजमैंट सोसायटी ने 93 पौधशालाओं में तैयार किया है। इसमें 32 किस्में सेब की हैं तथा शेष किस्में आम, नाशपाती, आड़ू, पलम, चेरी व संतरा आदि की किस्में हैं। बीते वर्ष विभाग ने चार लाख पौधे तैयार किए थे। विभाग ने इस बार बागवानों को ए ग्रेड गुणवत्ता के पौधे प्रदान करने का निर्णय लिया है।

नर्सरियों में तैयार किए गए पौधे आगामी दिसम्बर से अप्रैल माह तक बागवानों को दिए जाएंगे। यह पहली बार है कि उद्यान विभाग ने ग्रेडिंग सिस्टम खत्म कर केवल ए ग्रेड के ही पौधे बेचने का फैसला लिया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश बागवानी उपज विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) द्वारा अब तक अपने 3 संयंत्रों के माध्यम से रिकॉर्ड 1,545 मीट्रिक टन सेब जूस कंसंट्रेट का प्रसंस्करण किया है। शिमला जिला के पराला संयंत्र से 814 मीट्रिक टन, सोलन जिला के परवाणु संयंत्र से 653 मीट्रिक टन और मंडी जिला के जरोल संयंत्र से 78 मीट्रिक टन सेब जूस कंसंट्रेट का प्रसंस्करण किया गया है। खरीद मानकों की अनुपालना करते हुए इस सीजन में एमआईएस के तहत खरीदे गए 92 प्रतिशत सेबों का प्रसंस्करण किया जा रहा है।

बागवानी क्षेत्र देता है 9 लाख लोगों को रोजगार : सुक्खू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 234.00 लाख हैक्टेयर भूमि बागवानी के लिए समर्पित है, जिससे लगभग 5,000 करोड़ रुपए की औसत वार्षिक आय होती है। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 9 लाख लोगों को रोजगार देता है। राज्य में बागवानी पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कलस्टर साइटों की चयन प्रक्रिया भी जारी है। विभाग द्वारा इस क्षेत्र में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने सीए स्टोर के लिए किराया शुल्क भी 1.90 रुपए से घटाकर 1.60 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया है। कीटनाशकों और उर्वरकों के लाभ मार्जिन को 15 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत किया है।

एचपी शिवा परियोजना के तहत इस वर्ष किया जाएगा 1200 हैक्टेयर क्षेत्र को कवर
सीएम ने कहा कि एचपी शिवा परियोजना के तहत उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में फलों की वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए 1,292 करोड़ रुपए की परियोजना प्रदेश के सात जिलों में 6 हजार हैक्टेेयर क्षेत्र को कवर करेगी। इस वर्ष 1200 हैक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा और वर्ष 2028 तक 6 हजार हैक्टेयर भूमि में 60 लाख फलों के पौधे रोपे जाएंगे। राज्य में उच्च आय प्रदान करने वाले ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो, ब्लू बैरी, मैकाडामिया नट की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभाग व बागवानी विश्वविद्यालय के सहयोग से नीति कार्यान्वित की जा रही है।

किन्नौर में बनेगा पहला जियोथर्मल सीए स्टोर
किन्नौर जिला के टापरी में जियोथर्मल तकनीक से विश्व का पहला नियंत्रित वातावरण भंडारण (सीए स्टोर) बनने जा रहा है। इसके लिए आईसलैंड व हिमाचल सरकार के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है। सरकार ने बागवानी क्षेत्र के लिए इस वर्ष 531 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। यह अगले वर्ष बनकर तैयार हो जाएगा।

एमआईएस के तहत खरीदे 29,200 मीट्रिक टन सेब, पांगी में भी खरीद शुरू
इस वर्ष एमआईएस के तहत हिमाचल प्रदेश में कुल 29,200 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए हैं। इसमें से एचपीएमसी के 206 खरीद केंद्रों के माध्यम से 19,437 मीट्रिक टन, हिमफैड के 109 केंद्रों के माध्यम से 9,764 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए। एचपीएमसी ने क्रेटों का उपयोग करके किसानों से 1,219 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है। पहली बार चम्बा जिले के दूरदराज के क्षेत्र पांगी में भी सेब की खरीद शुरू हो गई है। एचपीएमसी ने एमआईएस में सुधार के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है।


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Kuldeep

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