हिमाचल में 23 जनवरी, 2021 तक लागू रहेगी आदर्श आचार संहिता

Monday, Dec 21, 2020 - 05:19 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र): हिमाचल में निष्पक्ष पंचायत चुनाव करवाने के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके बाद आगामी 23 जनवरी तक मुख्यमंत्री व मंत्री सहित किसी भी क्षेत्र के एम.पी., विधायक, उपक्रम के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन इत्यादि आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई नई घोषणाएं, नई ग्रांट, वायदे, नई स्कीम, नई नियुक्तियां, ट्रांसफर, प्रमोशन व नए टैंडर इत्यादि का प्रलोभन जनता को नहीं दे पाएंगे। किसी भी परियोजना के उद्घाटन और शिलान्यास पर भी पूर्णत: रोक रहेगी। यदि जरूरी हुआ तो निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी होगी।

कोई भी पार्टी, उम्मीदवार और उसके समर्थक ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जिससे लोगों के बीच माहौल खराब हो। चुनाव में कोई भी पार्टी और प्रत्याशी जाति, धर्म व समुदाय के नाम पर वोट नहीं मांग पाएंगे। चुनावी प्रचार के लिए मंदिर, मस्जिद और चर्च जैसे धार्मिक स्थलों के इस्तेमाल पर पूर्णत: रोक रहेगी। असत्यापित तथ्यों के आधार पर सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अप्रिय पोस्ट डालने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा करने वाला उम्मीदवार यदि जीत भी जाता है तो उसकी संबंधित पद से सदस्यता रद्द की जा सकती है। बिना तथ्यों के व्यक्तिगत आलोचना पर रोक रहेगी।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक संपत्ति पर पोस्टर, बैनर, झंडे, होर्डिंग्स जैसी प्रचार सामग्री लगाने की इजाजत नहीं होगी। उम्मीदवार और उसके समर्थक दूसरे प्रत्याशियों के पोस्टर नहीं हटा पाएंगे। प्लास्टिक चुनाव सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। रिजल्ट के एक सप्ताह के भीतर प्रत्याशियों को खुद अपने बैनर-पोस्टर हटाने होंगे।

स्कूल-कालेज के आसपास लाऊड-स्पीकर नहीं
स्कूल, कालेज व अस्पताल के आसपास लाऊड-स्पीकर से प्रचार नहीं किया जा सकेगा। इस पर चुनाव आयोग द्वारा तैनात किए जाने वाले रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टैंट रिटर्निंग ऑफिसर की पैनी नजर रहेगी।

एक लाख तक खर्च कर पाएंगे जिला परिषद उम्मीदवार
जिला परिषद उम्मीदवार चुनाव प्रचार पर अधिकतम एक लाख रुपए खर्चकर पाएंगे। इसी तरह नगर निगम पार्षद के प्रत्याशी एक लाख और नगर परिषद पार्षद प्रत्याशी 75 हजार, नगर पंचायत सदस्य 50 हजार रुपए अधिकतम खर्च कर पाएंगे। इन्हें रोजाना गाडिय़ों में तेल डालने, चुनाव सामग्री की प्रिंटिंग, समर्थकों के खाने, जनसभा करने में होने वाले खर्च का लेखा-जोखा रजिस्टर बनाकर रखना होगा। इस पर आर.ओ. और ए.आर.ओ. की नजर रहेगी।

निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन आयोग संजीव महाजन का कहना है कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, आर.ओ. और ए.आर.ओ. को चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि निष्पक्ष ढंग से चुनाव करवाए जा सकें।

 

Kuldeep