गोबिंद सागर झील में मलबा फैंकने पर हाईकोर्ट ने तुरंत प्रभाव से लगाई रोक

Monday, May 22, 2023 - 09:34 PM (IST)

शिमला (मनोहर): किरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के मलबे को गोबिंद सागर झील में फैंकने पर हाईकोर्ट ने वन विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने झील में किसी भी तरह की डंपिंग करने पर तुरंत प्रभाव से रोक भी लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने फोरलेन विस्थापित और प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल द्वारा दायर जनहित में याचिका पर ये आदेश पारित किए।

  प्रार्थी के अनुसार नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ  इंडिया ने ठेकेदार को किरतपुर-मनाली सड़क को चौड़ा करने का कार्य सौंपा है। स्थानीय लोगों के कठोर विरोध के बावजूद भी भाखड़ा बांध जलाशय में अवैध रूप से सड़क का मलबा फैंका जा रहा है। इसके बारे में स्थानीय प्रशासन और एन.एच.ए.आई. को कई शिकायतें की गई हैं। प्रार्थी के अनुसार बिलासपुर के बरमाणा और तुनहु में एम्स के पास मलबे को डंप किया जा रहा है। इसके अलावा रघुनाथपुरा-मंडी भराड़ी सड़क को चौड़ा करते समय मलबे को बिलासपुर जिले में भाखड़ा बांध के जलाशय में अवैध रूप से डंप किया जा रहा है।

प्रार्थी के अनुसार अवैध डंपिंग से न केवल पर्यावरण को नुक्सान हो रहा है बल्कि झील में मछलियों की कमी भी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण झील में अवैध डंपिंग से गाद के स्तर में वृद्धि है। गाद की वजह से बिलासपुर जिले के सबसे बड़े जल निकाय गोबिंद सागर में विभिन्न मछली प्रजातियों के प्रजनन को नुक्सान पहुंचाया गया है। 51 मछली प्रजातियों जैसे कि सिल्वर कार्प, सिंहरा, महेसेर और जी.आई.डी. के साथ गोबिंद सागर राज्य के महत्वपूर्ण मत्स्य पालन का केंद्र था। अवैध डंपिंग के कारण यहां अब मछलियों के प्रजनन में भी कमी दर्ज की गई है।

हिमाचल प्रदेश रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट कॉर्पोरेशन के ठेकेदार पर मंडवान और अन्य नालों में मलबे के ट्रकों को खाली करने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई है कि गोबिंद सागर में अवैध डंपिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए और दोषी लोगों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की जाए। मामले पर आगामी सुनवाई 12 जून को निर्धारित की गई है।

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Kuldeep