Shimla: बिजली बोर्ड आऊटसोर्स संघ ने उठाया सवाल, बिजली मित्र बनकर 6 हजार रुपए से क्या घर चला पाएंगे युवा

punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 07:30 PM (IST)

शिमला (राजेश): प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली बिजली मित्र योजना के शुरू होने से पहले ही विरोध शुरू हो गया है। बिजली बोर्ड आऊटसोर्स कर्मचारी संघ ने सरकार द्वारा जारी की जा रही, बिजली मित्र योजना का पूर्ण विरोध किया है। कई सवाल भी सरकार से पूछे हैं। संघ ने सरकार की इस योजना को प्रदेश के युवाओं और कर्मचारियों के भविष्य के साथ एक गंभीर मजाक करार दिया है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड आऊटसोर्स कर्मचारी संघ अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि सरकार ने बिजली मित्रों का वेतन मात्र 6 हजार रुपए प्रति माह तय किया है।   

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या कोई नौजवान, जिसने 2 साल आईटीआई कर तकनीकी शिक्षा प्राप्त की है। मात्र 6000 रुपए पर नौकरी करके अपना घर चला पाएगा, क्या इतनी मामूली रकम से वह अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर पाएगा। सरकार की इस बिजली मित्र स्कीम से आऊटसोर्स के 500 स्किल्ड और 500 अनस्किल्ड आऊटसोर्स कर्मचारी, जो 15-20 वर्षों से बिजली बोर्ड की मैंटीनैंस गैंग में कार्यरत हैं, बाहर किए जाने के कगार पर हैं। ये वही साथी हैं जिन्होंने अपनी जवानी का लंबा समय बोर्ड को दिया है और हमेशा उम्मीद की कि एक दिन उन्हें स्थायी किया जाएगा। लेकिन अब उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, यह बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है।              

आऊटसोर्स कर्मी की लाइन पर मौत, दिया गया सिर्फ 5 लाख मुआवजा
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि आऊटसोर्स कर्मचारी ड्यूटी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। हाल ही में चम्बा में एक साथी शहीद हुआ, जो अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी, दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गया है। बोर्ड द्वारा मात्र 5 लाख रुपए मुआवजा दिया गया। क्या यह परिवार पूरे जीवन 5 लाख से गुजारा कर पाएगा। पिछले कुछ सालों में 7 आऊटसोर्स कर्मचारी अपनी शहादत दे चुके हैं, लेकिन सरकार मात्र 5 लाख रुपए मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ लेती है।

इन मांगों को पूरा करे सरकार, नहीं तो होगा आंदोलन
संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बिजली बोर्ड में बिजली मित्र भर्ती को तुरंत बंद किया जाए। आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति और न्यूनतम वेतन नियम लागू किया जाए। ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले आऊटसोर्स कर्मचारियों के परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए। वर्षों से सेवा दे रहे आऊटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया जाए। यदि सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो संगठन को सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने में देर नहीं लगेगी।


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Kuldeep

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