ड्रोन बनेगा सरकारी व निजी क्षेत्र में कामकाज का अहम हिस्सा

Monday, Jun 13, 2022 - 10:44 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने ड्रोन नीति (ड्रोन के उपयोग सेे शासन एवं सुधार (गरुड़)-2022) को लागू कर दिया है। मौजूदा नीति 5 साल के लिए प्रभावी रहेगी तथा इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस तरह हिमाचल प्रदेश ड्रोन नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। ऐसे में अब सरकारी एवं निजी क्षेत्र में ड्रोन को उपयोग में लाया जा सकेगा। इस नीति के उपयोग सेे शासन एवं सुधार (गरुड़) के आधार पर एक समग्र ड्रोन ईको सिस्टम तैयार करने की परिकल्पना की गई है।

इसके माध्यम से सुदृढ़ आधारभूत संरचना, अनुसंधान एवं विकास, ड्रोन विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं की बाजार तक पहुंच सुनिश्चित होगी। यह नीति पहाड़ी प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के लिए अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होगी। हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति, हिमाचल प्रदेश स्टार्टअप/नवाचार योजना तथा आई.टी., आई.टी.ई.एस. और ई.एस.डी.एम. नीति-2019 से प्राप्त प्रोत्साहनों का भी इस ड्रोन नीति से लाभ होगा। यह नीति ड्रोन के डिजाइन, निर्माण और सेवा आधारित उद्योगों की स्थापना में सहायक सिद्ध होगी। इसके अतिरिक्त ड्रोन के उपयोग तथा ड्रोन संबंधित तकनीक के उपयोग और राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने तथा प्रदेश में निवेश को भी प्रोत्साहित करेगी। इसके उपयोग से राज्य में कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था इत्यादि क्षेत्रों में लाभ मिलेगा।

12 अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण
राज्य में अब तक 12 अधिकारियों को इससे संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आने वाले समय में प्रदेश में ड्रोन फ्लाइंग कोर्सेज प्रारंभ किए जाएंगे, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। मौजूदा समय में आई.टी.आई. शाहपुर में पहला ड्रोन फ्लाइंग स्कूल खोला गया है, जहां पर इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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Kuldeep