Shimla: चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने दिया ब्याज रहित कर्ज
punjabkesari.in Sunday, Nov 03, 2024 - 09:40 AM (IST)
शिमला। हिमाचल प्रदेश की चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन जल्द सिरे चढ़ेगी। इस रेललाइन में राज्य के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार ने सशर्त विशेष सहायता जारी की है। राज्य सरकार को 82.17 करोड़ रुपये की यह विशेष मदद व्याज रहित लोन के रूप में मिली है। यह ऋण 50 साल बाद चुकाना होगा। इसे राज्य के हिस्से के रूप में इस परियोजना के लिए दिया गया है। इस बजट को 31 मार्च 2025 से पहले खर्च करना होगा।
केंद्र सरकार ने इस मदद को जारी करते हुए चेतावनी भी जारी की है कि इस बजट को किसी अन्य परियोजना में खर्च किया तो इसकी केंद्रीय करों से कटौती की जाएगी। पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहयोग योजना -2024-25 में यह आर्थिक सहायता जारी की गई है। इसे इस वित्तीय वर्ष के लिए पहली किस्त के रूप में जारी किया गया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से व्याजरहित कर्ज के रूप में यह मदद चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन में इस्तेमाल होने वाले राज्य के हिस्से के लिए ही मांगी थी।
इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के सहायक निदेशक जितेंद्र कुमार वर्मा ने राज्य सरकार के वित्त सचिव को एक मंजूरी पत्र लिखा है। इसे केंद्र से शहरी और ग्रामीण आधारभूत ढांचा निर्माण में राज्य के हिस्से के रूप में इस्तेमाल करने की मदद के तहत जारी किया गया है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस बजट को कार्यान्यवन एजेंसी को 10 दिन के भीतर जारी करना होगा।
वरना इसका राज्य को केंद्र सरकार को बाजार में देय दर से ब्याज देना होगा। अगर किन्हीं कारणों से यह बजट संबंधित परियोजना में खर्च नहीं हो पाता है तो इसे दूसरे प्रोजेक्ट के लिए बदलने को लेकर केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होगी। अगर राज्य सरकार इस फंड को तय परियोजना के बजाय किसी अन्य प्रोजेक्ट में खर्च करती है तो राज्य सरकार को मिलने वाले टैक्स से उतने ही बजट की कटौती कर दी जाएगी।
विपक्ष बनाता रहा बार-बार मुद्दा रेल मंत्रालय भी लिख चुका है पत्र
चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन को 50- 50 प्रतिशत की भागीदारी में बनाया जा रहा है। इसमें अपने हिस्सा का बजट देने के लिए हाल ही में रेल मंत्रालय के एक्स ऑफिशियो प्रधान सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार ने इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को एक पत्र लिखा था।
इस रेल लाइन के लिए हिमाचल सरकार की ओर से 185 करोड़ रुपये देय बताए जाते रहे हैं। इस मामले को विपक्ष भी बार-बार मुद्दा बनाता रहा है तो ऐसे में इस रेल परियोजना के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र से व्याजमुक्त कर्ज लेने के बाद 82.17 करोड़ रुपये तो जारी कर ही लिए जाएंगे।