Himachal: 10 हजार करोड़ के नुक्सान की एवज में दी महज 2006 करोड़ की राशि : नरेश चौहान
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 05:45 PM (IST)

शिमला (राक्टा): केंद्र सरकार ने हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा जैसे संवेदनशील मामले में भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है। प्राकृतिक आपदा के चलते 10,000 करोड़ से अधिक का नुक्सान आंका गया था, जबकि केंद्र सरकार ने 2006 करोड़ रुपए की नाममात्र राशि जारी की है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा केंद्र के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष कई दफा पोस्ट डिजास्टर नीड असैसमैंट (पीडीएनए) की राशि को जारी करने का मामला उठाया गया है और अब जो राशि जारी की गई है, उससे स्पष्ट हो गया है कि केंद्र प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि न केवल केंद्र सरकार बल्कि सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी प्रदेश के लोगों को समय पर राहत राशि उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हुए हैं। यह राशि आपदा के कारण प्रदेश में हुए नुक्सान की भरपाई के लिए नाकाफी है। प्राकृतिक आपदा के कारण हिमाचल को हुए नुक्सान के दृष्टिगत केंद्र सरकार को प्रदेश की आवश्यकताओं के प्रति उदार रवैया अपनाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब हिमाचल प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा था तो उस समय मुख्यमंत्री ने सीमित संसाधनों के बावजूद आपदा प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया।
अनुराग के बयान पर पलटवार
सांसद अनुराग ठाकुर के केंद्र का आभार जताने के बयान पर नरेश चौहान ने कहा कि यह प्रदेश के लोगों का अधिकार है तथा केंद्र सरकार प्रदेश के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रख सकती। उन्होंने कहा कि सांसद हिमाचल के लोगों के लिए जवाबदेह हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि आपदा राहत राशि उपलब्ध करवाने में इतना समय क्यों लगा और यह प्रदेश की आवश्यकता के अनुरूप क्यों नहीं प्रदान की गई।
भाजपा की बन चुकी आदत
नरेश चौहान ने कहा कि पांवटा साहिब प्रकरण पर भाजपा ने राजनीति करनी चाही। साथ ही कहा कि हर मामले का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करना भाजपा की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने समुदाय विशेष के प्रति टिप्पणी कर उनकी संवेदनाओं को आहत किया है। किसी को भी कानून व्यवस्था को हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। सरकार पारदर्शी तरीके से हर कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है।