2 माह का आटा-चावल देगी सरकार लेकिन डिपो होल्डर्स कहां से लाएंगे पैसा

Tuesday, Mar 24, 2020 - 05:26 PM (IST)

शिमला, (राजेश): कोरोना वायरस के चलते अप्रैल माह में प्रदेश सरकार सस्ते राशन के डिपुओं में राशन उपभोक्ताओं को दो माह का आटा- चावल उपलब्ध करवाएगी। सरकार के इस निर्णय पर डिपो संचालक भी सरकार के साथ हैं और इस महामारी से निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन दो माह के एक साथ राशन उठाने को लेकर प्रदेश सहित राजधानी शिमला के शहरी व ग्रामीण डिपुओं के संचालकों को बड़ी समस्या पेश आ सकती है। नियमों के अनुसार डिपुओं में राशन गोदामों से उठाने के लिए सरकारी खातों में पहले डिपो कार्ड होल्डर के अनुसार यानी राशन कार्ड संख्या के तहत पैसा जमा करवाना पड़ता है। इसके बाद ही राशन गोदामों से उठाया जाता है। ऐसे में दो माह के आटा व चावल के पैसा अदा करना कई डिपो संचालकों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है और ऐसे में दो माह के राशन लेने के लिए कुछ डिपो भी प्रभावित हो सकते हैं जिससे उस क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भी दो माह का राशन मिलने में परेशानी आ सकती है। ऐसे में कई डिपो संचालकों ने इस विषय पर भी सरकार व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को सोच-विचार करने का आग्रह किया है।

राशन स्टोरेज की आएगी समस्या

डिपो संचालक सरकार के निर्देशों पर यदि दो माह का चावल व आटा उठाने के लिए कहीं से पैसे का इंतजाम कर भी देते हैं तो भी डिपो संचालकों की समस्या कम नहीं होगी। डिपो संचालकों को डिपुओं में राशन स्टोरेज को लेकर समस्या सामने आएगी, क्योंकि प्रदेश सहित राजधानी शिमला शहरी व ग्रामीण डिपुओं में एक एक बड़े कमरे ही डिपुुओं के हैं जहां पर एक माह का राशन मुश्किल से आता है, ऐेसे में दो माह का आटा-चावल स्टोर करने में समस्या आ सकती है। उदाहरण के तौर पर एक डिपो में 100 क्विंटल आटा और इतने ही चावल आते हैं तो दो माह के 200 किं्वटल आटा-चावल कहां रखेंगे।

अप्रैल माह में मिलेगा 25 किलो आटा व 12 किलो चावल 

कोरोना वायरस के चलते अप्रैल माह में राशन उपभोक्ताओं को दो माह का आटा-चावल दिया जाएगा। मौजूदा समय में उपभोक्ताओं को प्रति माह साढ़े बारह किलो आटा और 6 किलो चावल मिलते हैं। ऐसे में अप्रैल माह में 25 किलो आटा व 12 किलो चावल मिलेंगे।

क्या कहते हैं डिपो संचालक व एसोसिएशन

शिमला ग्रामीण व शहरी के कई डिपो संचालकों का कहना है कि कोरोना वायरस के साथ जंग लड़ रही प्रदेश सरकार के साथ वे खड़े हैं, लेकिन उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के डिपो संचालकों के पास अधिक पैसा नहीं होता कि दो माह के आटा-चावल के राशन की एडवांस में अदायगी कर सकें। सरकार को इसमें कुछ छूट दी जानी चाहिए। इस संबंध में शिमला शहरी डिपो होल्डर्स एसोसिएशन के प्रधान देवेंद्र चौहान ने कहा कि जो डिपो संचालक आर्थिक तौर से कमजोर हैं, उन्हें परेशानी आ सकती है, वहीं स्टोरेज को लेकर भी परेशानी आ सकती है। ऐसे में सरकार अलग से भी काऊंटर खोल सकती है।

Kuldeep