पहाड़ों पर ठंड ने बढ़ाई भेड़पालकों की परेशानी, मैदानी इलाकों की ओर किया रुख(Video)

Friday, Dec 06, 2019 - 09:30 PM (IST)

ठियोग (सुरेश): प्रदेश के ऊपरी इलाको में पड़ रही कड़ाके की ठंड से जंहा लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर रही है वहीं अब पालतू पशुओं को भी ठंड सत्ता रही है। ऊपरी शिमला के इलाकों से इन दिनों ठंड की वजह से आ रही दिक्कतों के कारण अब भेड़ चरवाहे निचले इलाकों की ओर प्रवास कर रहे है। खास कर दुर्गम क्षेत्र किन्नौर के इलाकों से इन दिनों ठंड के बढ़ जाने से अब इन लोगों को अपने पशुधन की चिंता सता रही है और ये अब सड़कों से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर मैदानी इलाकों की ओर जा रहे हैं। लेकिन निचले इलाकों की ओर जाने के लिए जिन रास्तों की ओर सड़क मार्गों से ये सफर करते हैं उसमें कई कठिनाई ओर दिक्कतों का इन लोगों को सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर ठियोग के समीप से गुजरते हुए इन भेड़ पलको से जब बात की गई तो लोगों का कहना है कि बड़ी दिक्कतों से 400 भेड़ों को बिलासपुर तक पहुंचना है और सड़क मार्ग ओर रात्रि ठहराव करते समय इन भेड़ो की रखवाली बड़ी दिक्कत करती है रात भर जंगली जानवरों का डर और दिन को वाहनों से बचाव करना सबसे बड़ी चुनौती होती है। कई बार भेड़ें वाहन की चपेट में आ जाती है और पिछली साल तो एक आदमी भी वाहन की चपेट में आ गया। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। इन चरवाहों का कहना है कि सरकारी मदद भी इन लोगों को नहीं मिल पाती केवल दवाइयां कभी कभार दी जाती है।

लेकिन भेड़ों की मौत होने पर सरकार कोई मुआवजा नहीं देती। रात दिन अपनी भेड़ों के साथ सफर कर रहे इन लोगों का कहना है कि रात को भेड़ों की रखवाली के लिए उन्होंने कुते पाल रखे हैं जो भेड़ों की रखवाली करते है और भोजन को ढोने के लिए गधों को रखा गया है जो भोजन की सामग्री को साथ-साथ ढोते रहते है। इन भेड़ पालकों का कहना है कि बिलासपुर तक पहुंचने के लिए एक महीने से ज्यादा का समय लग जाता है और दिन को इस रफ्तार से चलना पड़ता कि वे रात को अपने निश्चित अड्डे पर पहुंच सके।

kirti