योगी आदित्यनाथ से मिले शांता कुमार, UP के राज्यपाल से भी की भेंट

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2019 - 04:44 PM (IST)

पालमपुर (मुनीष दीक्षित): भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवम हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए गरीबों का उत्थान अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश के 18 करोड़ अति गरीब अब भी गरीबी के कगार पर है जिन तक सभी विकासात्मक योजनाओं का लाभ पहुंचना आवश्यक है। आज लखनऊ में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ से औपचारिक भेंट में दोनों महत्वपूर्ण नेताओं ने देश की वर्तमान परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए शांता ने कहा कि देश की विभिन्न समस्याओं का कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है जिसके नियंत्रण पर गंभीरता से विचार करने की अति आवश्यकता है। 
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चर्चा के दौरान वरिष्ठ नेता ने कहा कि विगत सात दशकों में देश में विकास तो बहुत हुआ है लेकिन आर्थिक और सामाजिक असमानता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि विकास की सभी योजनाओं का लाभ अति गरीबों तक पहुंचाने के लिए देश में अलग से अंत्योदय मंत्रालय की स्थापना की जानी चाहिए। वरिष्ठ नेता शांताकुमार के विचारों से सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने बताया कि देश के सबसे बड़े प्रदेश में अति पिछड़ी जातियों को विकास की प्रमुख धारा से जोड़ने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारम्भ की हैं जिनके कार्यान्वयन पर वे स्वयं निगरानी रखते है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्षोँ से लंबित समस्याओं के समाधान को उन्होंने प्राथमिकता दी है जिसके परिणाममस्वरूप प्रदेश के 65 गांव को विकास की राष्ट्रीय धारा से जोड़ा गया है जो अंग्रेज़ों के समय से उपेक्षित रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी व्यक्तियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ पहुंचाने के लिए इन दूकानों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है ताकि उपभोक्ता अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान से खाद्य-सामग्री खरीद सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था में उनके सत्ता संभालने के बाद सुधार आया है। शांता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विवेकानंद मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट और कायाकल्प की जानकारी भी दी और उन्हें पालमपुर आने का निमंत्रण दिया जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इससे पहले शांता ने उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से भी भेंट की और उन्हें अपनी पुस्तकें और हिमाचली शाल भेंट किए।


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