शांता कुमार और वीरभद्र सिंह अब एक ही पार्टी में, पढ़ें कैसे

Saturday, Apr 06, 2019 - 02:47 PM (IST)

मंडी(निप्पी) : मंडी संसदीय क्षेत्र में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच शांता कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिता सुखराम और बेटे आश्रय के कांग्रेस में जाने के चलते, मंत्री अनिल शर्मा को अपना मंत्री पद त्यागना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने वाला उनका बेटा भी नहीं जीत पाएगा। धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम ने हिमाचल को बदनाम किया है। टिकट की खातिर वह जब दिल करता है दल बदल लेते हैं। विधानसभा चुनावों में सुखराम ने पुत्र की टिकट के लिए भाजपा का दामन थामा था तो वहीं अब उन्होंने पोते को टिकट दिलवाने के लिए कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इस तरह की दल बदल की राजनीति देश का दुर्भाग्य है। नेताओं की इस नीति से देश को नुक्सान हुआ है।

उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि पंडित सुखराम को शर्म है या नहीं लेकिन उन्हें है। उनके सामने ही सुखराम अब तक 5 पार्टियां बदल चुके हैं। उन्होंमने कहा कि सुखराम को आने वाले समय में अपनी गलती का पता चलेगा और बहुत पछतावा भी होगा। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने यह कहा है कि उनकी और सुखराम की कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन उससे ज्यादा खुशी की बात यह है कि वीरभद्र सिंह ने यह भी कह दिया कि उन्हें आया राम-गया राम पर कोई भरोसा नहीं है। शांता ने कहा कि उनकी और वीरभद्र सिंह की एक ही पार्टी है और वह सिद्धांत की पार्टी है। सिद्धांत पर कायम रहने के लिए वह वीरभद्र सिंह को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलेगी। एक तरफ कांग्रेस ने उधार के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं तो वहीं भाजपा ने घर के उम्मीदवारों को टिकट दी है। चुनाव प्रचार और टिकट आबंटन में भाजपा, कांग्रेस से कहीं आगे है। उन्होंने कांग्रेस के जारी घोषणापत्र को भी महज छलावा करार दिया।

उन्होंने कहा कि किशन कपूर का व्यक्तित्व ही उन्हें जीत दिलाएगा। उन्होंने कहा कि आज किशन कपूर राष्ट्रीय राजनीति में शामिल हो रहे हैं और वह चुनावी राजनीती को अलविदा कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आडवाणी ने जो अपने ब्लॉग में लिखा है यह समय सभी के लिए आत्म निरिक्षण करना चाहिए और इसमें बीजेपी के मूल मंत्र को दोहराया है। शत्रुघन सिन्हा के कांग्रेस के जाने पर शांता ने कहा कि उनके कांग्रेस में जाने से दुःख हुआ है। उन्होंने कहा कि शत्रुघन और उनकी पत्नी की दूसरी पार्टियों में जाने का उनका व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने कहा कि स्वामी राम देव आज के समय में चुप हैं। यह पता नहीं क्यों चुप हैं लेकिन पिछले चुनाव में उन्होंने मोदी को आशीर्वाद दिया था और कहा था कि देश को मोदी की जरुरत है। उन्होंने कहा कि अभी भी मोदी को स्वामी राम देव के आशीर्वाद की जरुरत है।

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