नर्सिंग छात्रों को प्रमोट करने की मांग के लिए एसएफआई के सचिवालय घेराव

Monday, Nov 09, 2020 - 04:20 PM (IST)

शिमला (योगराज) : एसएफआई राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश द्वारा सोमवार को नर्सिंग छात्राओं के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश सचिवालय के बाहर नर्सिंग, जीएनएम तथा पोस्ट बेसिक नर्सिंग के छात्रों को प्रमोट करने के लिए व कोरोना काल मे छात्रो से अतिरिक्त फीस वसूलने के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एसएफआई का प्रतिनिधिमंडल नर्सिंग छात्राओं के साथ हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य शिक्षा सचिव से भी मिला और उनके सामने मांग रखी गई। 

हॉस्टल व मिसलेनियस चार्जज के नाम पर फीस वसूलना बन्द करो

पिछले 8 महीनों से मार्च 2020 के बाद हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना महामारी के बाद सभी शिक्षण संस्थान बन्द है जिस कारण छात्रों को होस्टल बंद करके प्रशासन ने घर में ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करने आदेश दिए थे। इस दौरान होस्टल बंद थे तो छात्राओं ने न ही होस्टल, मेस का इस्तेमाल किया, न ही कॉलेज की परिवहन सुविधा का इस्तेमाल किया। लेकिन उसके बावजूद भी सभी नर्सिग कॉलेजों में छात्राओं से 70 हजार के करीब हॉस्टल, मेस व परिवहन के नाम पर फीस ली जा रही है जो कि सरासर छात्रों की लूट है। हम जानते है कोरोना काल मे आर्थिक संकट गहराया है जिससे प्रदेश में भी आमदनी के साधन लगभग समाप्त होते जा रहे है लेकिन निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फीस बढ़ोतरी कर छात्रों व अभिभावकों को इस तरह से प्रताड़ित करने से हमारे प्रदेश में भी छात्रों के बीच आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे है। जिसके लिए कहीं न कहीं हमारी सरकार व शिक्षा विभाग जिम्मेदार है जो इन निजी शिक्षण संस्थानों की लूट को रोकने में नाकाम रहे है।

नर्सिग छात्राओं को प्रमोट किया जाए

वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में 32 के करीब निजी व सरकारी नर्सिग कॉलेज चल रहे है, जिसमे 6500 के करीब छात्रायें अध्ययनरत है। मार्च में शैक्षिणक संस्थान बन्द होने के बाद अभी तक छात्र न तो क्लीनिकल ट्रेनिग पर हॉस्पिटल जा पाए है न ही छात्राओं के प्रैक्टिकल्स लिए गए है। ऐसे में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉउन्सिल द्वारा भी छात्राओं को प्रमोट करने के लिए राज्यों को निर्देश दिए गए। लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नर्सिंग छात्रों को अभी तक न तो प्रमोट किया गया है न ही उनकी परीक्षाओं को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी किए गए है। ऐसे में छात्र मानसिक रूप से भी परेशान है और परीक्षाओ को लेकर चल रही असमंजस ने छात्रों के भविष्य को दांव पर लगा दिया है। इसलिए एसएफआई मांग करती है कि शीघ्र बीएससी 1, 2, 3  व जीएनएम 1 व 2 वर्ष के छात्रो को प्रमोट किया जाए। इसके साथ ही बीएससी पोस्ट बेसिक नर्सिंग व एमएससी नर्सिंग के छात्रों को भी प्रमोट किया जाए।

प्रैक्टिकल्स के नाम पर मानसिक रूप से प्रताडित करना बंद करो

नर्सिंग में वर्ष भर के प्रैक्टिकल्स फाइल्स को बिना प्रैक्टिकल ट्रेनिग के  1 सप्ताह में बनाने के लिए छात्राओं पर दबाव बनाया जा रहा है। जो कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के खिलाफ है। इस दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सचिव ने छात्रो से बातचीत करते हुए कहा है कि अभी किसी भी प्रकार के प्रैक्टिकल्स व परीक्षाएं नहीं ली जाएगी। इससे संबंधित सरकारी आदेश आज ही सभी नर्सिंग कॉलेजों को जारी किए जाएंगे। प्रमोशन को लेकर अगले 1 सप्ताह के अंदर चिकित्सक शिक्षा विभाग फैसला लेगा। सरकार अगर 15 नवम्बर तक इन मांगों को पूरा करने के लिए कोई पहलकदमी नही करती है तो एसएफआई पूरे प्रदेश से नर्सिंग छात्राओं को एकजुट करते हुए हरेक विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा सदस्य का घेराव करेगी व 20 नवम्बर को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
 

prashant sharma