शिक्षकों की भर्तियों में अनियमितताओं के खिलाफ शिमला में गरजी SFI, प्रदेशव्यापी आंदोलन की दी चेतावनी
Saturday, Apr 10, 2021 - 05:14 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा व तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में हो रही शिक्षकों व गैर-शिक्षकों की भर्तियों में अनियमितताओं के खिलाफ एसएफआई ने जिलाधीश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय व प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्तियां सवालों के घेरे में हैं क्योंकि आरक्षण को लेकर बनाए गए संवैधानिक नियमों को इन भर्तियों में दरकिनार किया गया है, जिसके चलते कुछ विभागों में सारी सीटें आरक्षित रखी गई हैं या फिर सारी सीटें अनारक्षित रखी गई हैं। इन विभागों में अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए पहले ही चयनित किया गया है। साक्षात्कार महज औपचारिकता के लिए आयोजित किए जा रहे हैं।
एसएफआई ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को भर्ती कर रही है। इन भॢतयों के लिए जो स्क्रूटिनी कमेटी गठित की गई है वो भी संशय पैदा करने वाली है, क्योंकि इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के विभाग प्रमुख व वरिष्ठ प्राध्यापकों को नजरअंदाज कर विश्वविद्यालय के बाहर से लोगों को कमेटी में रखा गया है जोकि यूजीसी के नियम व निर्देशों के खिलाफ है। शिक्षा की गुणवत्ता व छात्रों के भविष्य के साथ किए जा रहे इस खिलवाड़ को रोकने के लिए हम मांग करते हैं कि उपरोक्त तीनों शिक्षण संस्थानों की गरिमा मर्यादा बनाए रखते हुए इन भर्तियों पर उठे सवालों की निष्पक्ष न्यायिक जांच की जाए ताकि सारी सच्चाई प्रदेश की जनता के सामने आ जाए।
एसएफआई ने विद्यार्थी परिषद पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि ज्ञान शील एकता की बात करने वाला छात्र संगठन अभी तक इन भर्तियों पर मौन क्यों है। इतना बड़ा घोटाला इस भर्ती प्रक्रिया में सामने आने पर कई अभ्यर्थी उच्च न्यायालय तक पहुंच गए, लेकिन विद्यार्थी परिषद इन अयोग्य लोगों का बचाव करने पर तुली है। इस तरह की भर्तियों से साफ झलकता है कि सरकार अपने चहेतों को भर्ती करवाना चाहती है। एसएफआई ने धरना-प्रदर्शन के माध्यम से प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि आने वाले समय में इन धांधलियों की न्यायिक जांच की जाए, अगर इन धांधलियों की न्यायिक जांच नहीं की गई तो आने वाले समय में एसएफआई प्रदेश के छात्र समुदाय को लामबंद करते हुए प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी, जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।