अग्निपथ योजना के विरोध में SFI-DYFI ने राजभवन के बाहर किया प्रदर्शन

Friday, Jun 17, 2022 - 09:53 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ के विरोध में एसएफआई और डीवाईएफआई ने संयुक्त रूप से राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के माध्यम से एसएफआई ने अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती करने की मांग उठाई। एसएफआई के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा व राज्य सचिव अमित ठाकुर ने अग्निपथ योजना को एक आपदा करार देते हुए इसे भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 2 वर्षों से नियमित सैन्य भर्ती नहीं करवाई है, जिसके चलते 2021 तक भारतीय सेना में 104653 कर्मियों की कमी थी। उन्होंने कहा कि इन पदों को भरने की बजाय केंद्र सरकार ने अब क्षेत्रीय कोटे को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है और 6 महीने की प्रशिक्षण अवधि सहित 4 साल की अल्पावधि की भर्ती योजना के साथ जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 4 साल बाद लगभग तीन-चौथाई सैनिक बिना पैंशन या ग्रैच्युटी के सेवानिवृत्त हो जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि इस नीति के परिणामस्वरूप हर साल अन्य काम की तलाश में लगभग 35000 बेरोजगार और शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह नीति हमारी संप्रभुता की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों के मनोबल और व्यावसायिकता को भी काफी प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने हर साल लाखों युवाओं के लिए सुरक्षित और दीर्घकालिक रोजगार के स्रोत भी प्रदान किए हैं। यह नीति इस संभावना को भी खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि यह नीति केंद्र सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले नव-उदारवादी रास्ते के तहत हरसंभव कार्य का संविदाकरण करने की योजना में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस नीति के परिणाम स्वरूप देश में कामकाजी लोगों की नौकरी की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता का पूर्ण विनाश होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि इस नीति के माध्यम से सरकार ने दुनिया की साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा प्रशिक्षित और बेरोजगार सैनिकों की भाड़े पर भर्ती के दरवाजे भी खोल दिए हैं। उन्होंने इस दौरान अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Content Writer

Vijay