कांग्रेस में सीएम-डिप्टी सीएम के बाद मंत्रियों के नाम पर फंसा पेंच

Sunday, Dec 11, 2022 - 09:58 PM (IST)

शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बाद अब कांग्रेस में मंत्रियों के नामों पर पेंच फंस गया है। कांग्रेस सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम के बाद अब 10 मंत्री बनाए जाने हैं, ऐसे में सभी नेता अपने-अपने समर्थक विधायक को मंत्री बनाने की लॉबिंग में जुट गए हैं। होलीलॉज से भी कई नाम आगे किए गए हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी अपने चहेते विधायकों को मंत्री बनाना चाह रहे हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल के गठन का मामला उलझ गया है। रविवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ भी बैठक की। सूचना के अनुसार मंत्रियों के नामों पर अब दिल्ली से ही मोहर लगाई जाएगी। ऐसे में एक-दो दिन बाद ही मंत्रियों के नामों पर मोहर लग सकती है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भी दिल्ली जा सकते हैं। शपथ समारोह के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक भी वापस लौट चुके हैं।

किसी भी मंत्री ने नहीं ली शपथ
पहले माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ ही कुछ मंत्री भी शपथ लेसकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रविवार को केवल मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने पद की शपथ ग्रहण की।

11 विधायकों को लेकर उड़ती रही अफवाह
कांगे्रस के 11 विधायकों के बागी होने को लेकर रविवार को एक अफवाह उड़ती रही है, जबकि सभी विधायक शपथ समारोह में मौजूद थे। गौरतलब है कि शपथ समारोह से पहले सुक्खू होलीलॉज जाकर प्रतिभा सिंह से भी मिले थे। इस दौरान दोनों नेताओं में सत्ता और संगठन से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हुई थी।

शिमला से ये दावेदार
शिमला जिला से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें विधायक विक्रमादित्य सिंह और रोहित ठाकुर का नाम सबसे ऊपर है। इसी तरह कुलदीप सिंह राठौर, अनिरुद्ध सिंह व मोहन लाल ब्राक्टा भी मंत्री की दौड़ में शामिल हैं। 

कांगड़ा से ये दावेदार
कांगड़ा जिला से 3 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें विधायक सुधीर शर्मा, चंद्रकुमार और आशीष बुटेल का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। इसी तरह संजय रतन और यादविंद्र गोगा का नाम भी रेस में बताया जा रहा है।

इन जिलों से भी ये नाम
बिलासपुर जिला से राजेश धर्माणी, सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान, सोलन से कर्नल धनीराम शांडिल, कुल्लू से सुंदर ठाकुर, जगत सिंह नेगी को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी बनाए जाने हैं। माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेता को विधानसभा अध्यक्ष और नए चेहरे को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

देखा जा रहा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण
मंत्रिमंडल के गठन से पहले कांग्रेस जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को भी देख रही है। जातीय संतुलन के तहत ब्राह्मण, राजपूत, ओबीसी, अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग से मंत्री बनाए जाएंगे।

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Content Writer

Vijay