हिमाचल के स्वास्थ्य बजट पर केंद्र चला सकता है कैंची, जानिए क्या है वजह

Thursday, Oct 10, 2019 - 09:57 PM (IST)

शिमला: स्वास्थ्य क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाले बजट में कटौती हो सकती है। बजट में यह कटौती स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश सरकार के संतोषजनक प्रदर्शन न किए जाने को लेकर हो सकती है। सूत्रों के अनुसार नीति आयोग की तरफ से स्वास्थ्य के क्षेत्र को लेकर आई रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश सहित 14 राज्यों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है। इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों ने इस क्षेत्र में सुधार किया है, ऐसे में जिन राज्यों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है, उनको बोनस के रूप में अतिरिक्त बजट मिलेगा जबकि खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों के बजट में 20 फीसदी तक कटौती हो सकती है।

मौजूदा समय में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मिल रहा 2,482 करोड़ का बजट

यदि हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की तरफ से इस तरह की कटौती की जाती है तो इससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। ऐसे में आॢथक संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। मौजूदा समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को विभिन्न योजनाओं में 2,462 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट उपलब्ध हो रहा है। प्रदेश सरकार वाॢषक बजट को बढ़ाए जाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार से पैरवी कर रही है लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

प्रदेश सरकार की बढ़ सकती हैं दिक्कतें

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के सहयोग से इस समय आयुष्मान भारत, संपूर्ण स्वास्थ्य योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के लिए सहारा योजना, वैल्नैस सैंटर खोलना, स्वास्थ्य शिक्षा और राष्ट्रीय टीकाकरण जैसी कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं। ये सभी योजनाएं प्रदेश के बड़े वर्ग को लाभ प्रदान कर रही हैं, ऐसे में यदि इनमें से किसी भी योजना राशि में कटौती की जाती है तो इससे प्रदेश सरकार की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

जनता को भी भुगतना पड़ सकता है खमियाजा

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्र तक फैली हैं, ऐसे में बजट कटौती होने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही प्रदेश की जनता को भी इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। हालांकि प्रदेश सरकार को अभी इस रिपोर्ट का इंतजार है। ऐसे में कोई भी नेता और विभागीय अधिकारी इस पर टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं है।

Vijay