कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और 3 शोधार्थी विदेश में सीखेंगे अत्याधुनिक अनुसंधान तकनीकें

punjabkesari.in Wednesday, Nov 30, 2022 - 07:29 PM (IST)

पालमपुर (भृग): कृषि विश्वविद्यालय के एक वैज्ञानिक और 3 पीएचडी शोधार्थी इसराईल, जापान, ताईवान और तुर्की में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इन सभी ने बुधवार को रवाना होने से पहले कुलपति प्रो. एचके चौधरी से मुलाकात की। कुलपति ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए शोध कार्य को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान तकनीकों को सीखने के लिए कहा। सब्जी विज्ञान के प्रो. प्रवीन शर्मा 1 दिसम्बर से 28 फरवरी 2023 तक इसराईल के कृषि अनुसंधान संगठन में संरक्षित कृषि और उन्नत प्रशिक्षण पर उपयोगी जानकारी प्राप्त करेंगे।
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इन बिंदुओं पर किया जाएगा कार्य

  1. हिमांशु ठाकुर 1 दिसम्बर से शुरू होने वाले डाॅ. थॉमस बॉरग्यूग्नन के मार्गदर्शन में ओकिनावा इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी जापान में डीएनए अनुक्रमण तकनीकों में दीमक और उनके ऑर्गेनिज्म पर एक महीने के लिए काम करेंगे। विश्वविद्यालय में प्रमुख वैज्ञानिक कीट विज्ञान डॉ. कुलदीप सिंह वर्मा उनके सलाहकार हैं।
  2. खुशविंदर कौर को प्लांट प्रोटैक्शन सैंट्रल रिसर्च इंस्टीच्यूट तुर्की में फ्रांसबीन में त्रिकोणीय पत्ता धब्बा रोग पर 1 दिसम्बर से एक महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। वह पादप रोग विज्ञान के डॉ. सिरेल कैनपोलैट के मार्गदर्शन में काम करेंगी। विश्वविद्यालय में प्रधान वैज्ञानिक पादप रोग विज्ञान डॉ. अमर सिंह उनके पीएचडी सलाहकार हैं।
  3. एकता कौशिक 10 दिसम्बर से विश्व सब्जी केंद्र ताईवान में सुरक्षित और टिकाऊ मूल्य श्रृंखलाओं पर प्रमुख कार्यक्रम नेता डॉ. श्रीनिवासन रामासामी की देखरेख में सफेद मक्खी और पिन-कृमि के विरूद्ध टमाटर जीनोटाइप के मूल्यांकन पर 3 महीने की शोध इंटर्नशिप से गुजरेंगी। प्रधान वैज्ञानिक कीट विज्ञान डॉ. अजय सूद उनके पीएचडी सलाहकार हैं।

प्रधान अन्वेषक डॉ. रणबीर सिंह राणा ने बताया कि वैज्ञानिक और छात्रों को संरक्षित कृषि और प्राकृतिक खेती पर उन्नत कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत प्रायोजित किया गया है।

कुलपति ने बनाया संवाद
कुलपति चौधरी ने डाॅ. प्रवीन शर्मा को सलाह दी कि वह शोध कार्य को बढ़ने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान तकनीकों को सीखें और विद्यार्थियों के डॉक्टरेट के बाद के प्रशिक्षण और सहयोगी अनुसंधान परियोजना की संभावना तलाशें। वहीं प्रो. चौधरी ने पीएचडी शोधार्थियों हिमांशु ठाकुर, खुशविंदर कौर और एकता कौशिक के साथ भी बातचीत की। ये तीनों उन्नत प्रशिक्षण के लिए जा रहे हैं और उन्हें अपनी पीएचडी के लिए अनुसंधान कार्य बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं का अनुभव करने की सलाह दी।

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Content Writer

Vijay

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